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बाघराय,हिन्दुस्तान की आवाज,राहुल विश्वकर्मा

 प्रतापगढ़ के बाघराय बाजार में शुक्रवार की रात पकड़े गए तेंदुए ने तीसरे दिन सोमवार को साढे़ तीन किलो चिकन (मुर्गे का मांस ) खाया। पानी भी पीया। पिंजड़े से सिर लड़ाने से हुए जख्म पर वन विभागकर्मी दवा का स्प्रे कर रहे हैं। हालांकि करीब जाने वालों पर वह गुस्सा दिखा रहा है।
बाघराय पहुंचा तेंदुआ शुक्रवार आधी रात पकड़ा जा सका। उसे शनिवार को चिलबिला स्थित वन विभाग के परिसर में लाया गया। पकड़े जाने के बाद पिंजड़े में सिर लड़ाने के कारण वह जख्मी हो गया था। हालांकि चिलबिला लाए जाने के बाद उसने खाना और पानी छोड़ दिया था। चोट पर लगातार दवा का स्प्रे करने से कुछ सुधार हुआ तो उसने सोमवार को साढे़ तीन किलो चिकन खाया और पानी भी पीया। हालांकि पिंजड़े में रखा बकरे का मांस उसने नहीं खाया।
चिलबिला स्थित वन विभाग में पिंजड़े में रखा तेंदुआ देखने के लिए दिनभर लोग पहुंचते रहे। हालांकि किसी के करीब पहुंचने पर वह गुस्से से झपटने का प्रयास करता रहा।
किसी और के नहीं मिले पद चिह्न
बाघराय में तेंदुआ कहां से आया इसे लेकर वन विभाग के अधिकारी भी कुछ स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं। डीएफओ ने बताया कि गंगा के कछार के साथ ही करीब 20 किलोमीटर तक वन विभाग के कर्मचारियों ने तेंदुए के पद चिह्न की खोज की लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। उन्होंने बताया कि तेंदुआ एमपी या फिर मिर्जापुर के जंगल से भी आ सकता है

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