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कन्नौज,हिन्दुस्तान की आवाज़,अनुराग चौहान

कन्नौज। अय्यास महिला की आशनाई से पीडित परिवार ने अधिकारियों की चौखट पर न्याय की गुहार लगाते-लगाते जब थक गया और उसे न्याय नहीं मिल सका तब उसने प्रदेश मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर न्याय की उम्मीद को संजोया है। की अब उसे शायद न्याय मिल सके। जिसने मुख्यमंत्री सहित आलाधिकारियों को रजिस्टर्ड डाक पत्र भेजे है।

नगर के मोहल्ला लालामिश्र निवासनी श्रीमती सिद्वेश्वरी मिश्रा पत्नी स्वं. नरेन्द्र नाथ मिश्रा ने मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र में कहा कि वह नितांत निर्धन व असहाय महिला है। जिसके चार पुत्र है जिसमें से सबसे छोटे पुुत्र दीपेश मिश्रा की शादी के बाद से हुए आपसी बटबारे के बाद सभी भाई करीब 15 वर्षों से अलग-अलग रह रहे है। दीपेश मिश्रा की पत्नी माया देवी अपने पति के साथ आय दिन बाद-बिवाद करने के कारण दीपेश घर छोडकर चला गया और गुजरात में रहकर प्राइवेट नौकरी कर रहा है। दीपेश की पत्नी माया देवी झगडालू, चंचल और खुदगर्ज होने के कारण उसने परिवार से अपना नाता तोडकर मनमानी कर आमादा है जिसने घर के सामने रहने वाले जगदीश शंखवार के पुत्र रामजी शंखवार के साथ आसनाई की पींगे बढाना शुरू कर दी है। जो उसके घर पर मना करने के बावजूद भी आता-जाता है जो जिला एवं सत्र न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता का मुंशी होना तथा हरिजन होने के कारण वह परिवार के साथ अभद्रता का व्यवहार माया देवी के इशारे पर हम लोगों के साथ करता है। जिसका परिवार शंरू से ही अय्यास किस्म का है जिसके बाबा खिम्मा पहलवान शातिर किस्म के व्यक्ति रहे। दीपेश के बाहर रहने के चलते रामजी शंखवार व माया के बीच शुरू हुई आसनाई धीरे-धीरे बढने लगी और परिवार के लिए मुशीबत भरा कांटा बन गया है जिसने फर्जीे तरीके से नौ फर्जी मुकदमें पंजीकृत करा दिए है। जिससे परिवार के अन्य लोग कन्नौज छोडने के लिए मजबूर है। जब न्यायालय के आदेश पर जांच करने कोतवाली पुलिस आई तब मोहल्ले वालों ने रामजी द्वारा दर्ज कराये गये मुकदमों को झूठा व बेवुनियाद बताया। जिसके बाद पुलिस ने जमकर लताडा तब उसने एक सपथ पत्र देकर घटना की बात को कहा और न्यायालय में सपथ पत्रों के आधार पर प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया किन्तु रामजी की शैतानी हरकत खत्म नहीं हुई जिसके फलस्वरूप रामजी और माया के बीच आशिकी और बढती गयी जिसको लेकर मोहल्ले में भी चरचायें शुरू हो गयी ।हम लोगों ने अपनी बहू माया को परिवार की दुहाई देते हुए काफी समझाया किन्तु उस पर कोई असर नहीं हुआ। जिसके फलस्वरूप रामजी ने अपने जाति व प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए परिवार का उत्पीडन शुरू कर दिया। जिससे आज सिद्वेश्वरी का परिवार बुरी तरह से पीडित है जों न्याय के लिए दर-दर भटक रही है जिसे अभी तक न्याय नहीें मिल सका उसने पीडित होकर मुख्यमंत्री सहित आलाधिकारियों को पत्र भेजकर न्याय दिलाये जाने की गुहार लगाई है। पीडिता ने कहा कि घटना क्रम की किसी सक्षम अधिकारी से करायी जाये जिससे उसे बुढापे में व नीसहाय महिला को दर-दर भटकना न पडे।

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