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मुंबई, हिन्दुस्तान की आवाज, मोहम्मद मुकीम शेख

मुंबई, माहुल का विकास करना है तो सिर्फ मांग करकर कुछ नही होगा. इसलिए माहूल का सही विकास करना को तो पालिका के बजट में ३०० करोड़ रुपये का प्रावधान करे यह मांग भाजप के गटनेता मनोज कोटक ने पालिका सभागृह में किया. पालिका का अर्थसंकल्प अभी मंजूर नही किया गया है यह प्रावधान करे इसके लिए हम केला पत्र भेजेगे यह भी कोटक ने कहा. मुंबई के प्रकल्प ग्रस्तो को माहुल में भेजा जा रहा है. इन स्थानों पर सभी को भेजने के बजाए पालिका के प्रत्येक वॉर्ड में जमीन देखकर उसपर प्रकल्प ग्रस्तो का पुनर्वसन करे, माहुल में सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तय समय का बंधन लगाए यह मांग भी कोटक ने इस अवसर पर किया.

मुंबई में नाला, रस्ते चौड़ीकरण , तानसा पाईप लाईन के ऊपर झोपडीधारक इस तरह के प्रकल्प ग्रस्तो को माहुल में भेजा जाता है. इस स्थान पर किसी भी तरह की सुविधा नही होने से निवासियों को परेशानी हो रही है. वहा के नागरिकों को शुद्ध पानी, रस्ते, स्वच्छता नही मिलने की शिकायत भाजपा के नगरसेवक संदीप पटेल ने किया था. इसपर सर्वदलीय नगरसेवको ने पटेल की मांग का समर्थन किया था. इस चर्चा के दरम्यान महापौर माहुल में भेट करेगे यह कहकर तब तक किसी का भी पुनर्वसन माहुल में न करे यह आदेश प्रशासन को दिया था.

माहुल में पिछले दिनों महापौर, सभागृह नेता, स्थायी समिती अध्यक्ष, गटनेता, स्थानिक नगरसेवक ने दौरा किया. इस दौरे के दरम्यान यहा के निवासियों की समस्या का समाधान नही हुवा. मात्र इस दौरे के दरम्यान आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त ने दौरा टाल दिया था. इसलिए आज इस संदर्भ में आयुक्त हम माहुल का पहले ही दौरा किया है. उस जगह की समस्या मुझे मालूम होने के कारण मैं उस नही आया यह स्पष्टीकरण अजोय मेहता ने सभागृह में किया. इसपर सभागृह नेता यशवंत जाधव ने आयुक्त अजोय मेहता ने समाधानकारक उत्तर नही दिया इसलिए सभागृह नेता यशवंत जाधव ने ‘आयुक्त सभागृह की दिशाभूल कर रहे है कहकर औचित्य का मुद्दा उपस्थित किया.

माहुल ने प्रकल्पग्रस्तो के लिए निर्माण किये गए मकानों में सभी सुविधाएं दिए जाने की शर्त के साथ मकान निर्माण करने की अनुमति दी गयी थी. इसके बावजूद दिए गए समयावधि के पहले यदि मकान की दुरवस्था हुई होगी तो इसके लिए जिम्मेदार रहने वाले कि जिम्मेदारी निश्चित कराकर तत्काल कारवाई किये जाने की आवश्यकता है अन्यथा उनको पीछे से बचाया का प्रयत्न समझा जाएगा यह यशवंत जाधव ने कहा. इसको स्थायी समिती अध्यक्ष रमेश कोरगावकर, सुधार समिती अध्यक्ष बाळा नर, इत्यादी सर्वदलीय नगरसेवको ने साथ दिया. इस स्थानपर प्रदूषण और भारी असुविधा के कारण नागरिको का जीना मुश्कील हुवा है यह शिवसेना के मंगेश सातमकर ने कहा. सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में प्रकरण रहने के कारण माहुल के मामले में निर्णय नही लिया जासकता यह आयुक्त कहते होंगे तो स्थलांतरित किये गए निवासियों किस तरह जिये यह सवाल भी उन्होंने किया.


माहुल देखकर हम मुंबई में है या किसी आदिवासी इलाके में है यह सवाल उठा था. इस जगह पुनर्वसन करते समय अधिकारियों ने उस जगह सुविधा है कि नही इसकी जानकारी लेना चाहिए था. वहा के निवासियों को बेहतर सुविधा नही मिलने से प्रकल्पग्रस्त क्रोधित हुवे मात्र पुलिस और सुरक्षा मशीनरी के वजह से हम आज जिंदा है यह विरोधी दल नेता रवी राजा ने कहा. माहुल में सुविधा नही दी जाएगी तब तक किसी का भी पुनर्वसन इस जगह न करे यह मांग रवी राजा ने किया. इसपर सर्व दलीय नगरसेवको की भावना को ध्यान देकर आने वाले आठ दिनो में सर्वदलीय गटनेताओ की बैठक लेकर योग्य निर्णय लेगें यह विश्वनाथ महाडेश्वर ने कहा.

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