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पुलिस, फायर ब्रिगेड और इमरजेंसी ऐंबुलेस सेवा के लिए करना होगा डायल 112

मुंबई, 9 जून: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने राज्य की जनता की सहूलियत के लिए एक बड़ा फ़ैसला लेते हुए आज राज्य की पुलिस, अग्निशमन दल और आपातकालीन ऐंबुलेंस सेवा समेत कई इमरजेंसी सेवाओं को टेलीफोन नंबर 112 पर उपलब्ध कराने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उनके निवास स्थान वर्षा में आपातकालीन सेवाओं के लिए 112 क्रमांक निर्धारित करने के लिए एक बैठक हुई। देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि सभी इमरजेंसी सेवाओं का एक नंबर हो जाने से राज्य के लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सारी सेवाएं 112 ही नंबर पर अविलंब मिले,इसके लिए सभी संबंधित इकाइयों को आपस में तालमेल और सामन्जस्य रखना होगा।

वर्षा में हुई बैठक में मुख्य सचिव सुमित मलिक, गृह विभाग के उच्च मुख्य सचिव सुधीर श्रीवास्तव, पुलिस महासंचालक सतीश माथुर, मुख्यमंत्री के उच्च मुख्य सचिव प्रवीण परदेशी, सूचना व तकनीकी विभाग के प्रधान सचिव वी. के. गौतम, वित्त विभाग की प्रधान सचिव सुजाता सौनिक सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों को पुलिस की सहायता के लिए, आग लगने पर फायर ब्रिगेड की सहायता की जरूरत पड़ती है और किसी के अचानक बीमार हो जाने से आपातकालीन अवस्था में ऐंबुलेंस की ज़रूरत आम है। इसके लिए अब तक लोगों को अलग अलग नंबल डायल करने पड़ते थे। लेकिन सरकार के फैसले के बाद ये तमाम इमरजेंसी सेवाएं 112 नंबर डायल करने पर मिला करेंगी। इन सभी सेवाओं के लिए एक ही क्रमांक इसलिए किया गया है ताकि संपूर्ण राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिको को आपातकालीन परिस्थिति में सहायता मिल सके। पुलिस, अग्निशमन, ऐंबुलेंस के साथ ही महिला, बालक, ज्येष्ठ नागरिक के लिए हेल्पलाइन सेवा या सर्व सेवांओं के लिए भी अब 112 क्रमांक ही रखा जाएगा। इस सेवा के लिए पुणे और नागपुर में मध्यवर्ती कॉल सेंटर स्थापित करने भी प्रस्ताव है। ये घोषणा भी इस अवसर पर की गई।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, "इमरजेंसी की हालत में नागरिकों को सहायता के लिए अब तक अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर डायल करने पड़ते थे। इसीलिए राज्य सरकार ने हर तरह की इमरजेंसी सेवा के लिए 112नंबर रखने का फसैला किया। इन सभी सेवाओं के लिए एक ही क्रमांक रखने से निश्चित रूप से सामान्य नागरिकों को लाभ होगा। इसके लिए आधुनिक तकनीकी ज्ञान का उपयोग करके नागरिक तत्काल इस सेवाओं का लाभ ले सकेंगे।"

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस क्रमांक पर संपर्क करने पर उस व्यक्ति के लोकेशन का पता चल सके,ऐसी तकनीक का विकास की जा रही है, ताकि संकटग्रस्त व्यक्ति को तुरंत सहायता मिल सके। श्री फड़नवीस ने यह भी कहा कि कॉल सेंटर में कॉल आते ही उस व्यक्ति को तुरंत सहायता सुनिश्चित करना होगा। इसी तरह कॉल सेंटर के पास जहां तक संभव होगो, लोगों को स्थानीय भाषा में जवाब देने की सुविधा होनी चाहिए।

इस सेवा के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 1048 तो शहरी क्षेत्रों में 454 चार पहिए वाहनों की ज़रूरत होगी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में 2021 और शहरी क्षेत्रों में 241 दुपहिया वाहन की व्यवस्था करने का प्रस्ताव रखा गया है। इस सेवा के अंतर्गत पुलिस नियंत्रण कक्ष के आधुनकीकरण का प्रस्ताव भी रखा गया है।

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