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वेतन भुगतान और नवीनीकरण न होने से जीविकोपार्जन की उत्पन्न हो गयी है गंभीर समस्या

मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी

मीरजापुर। मण्डलीय अस्पताल में संविदा कर्मी स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन न मिलने तथा नवीनीकरण न किये जाने से उनके समक्ष जीविकोपार्जन की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है। बार-बार अधिकारियों का ध्यान दिलाया जाने प्रदर्शन आदि करने के बाद भी अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहे है। हालत यह है कि संविदा स्वास्थ्य कर्मी सड़क पर आने के कगार पर आ खड़े हुए है। सोमवार को मण्डलीय अस्पताल के संविदा आधारित स्वास्थ्य कर्मियों ने अपने नवीनीकरण पिछले कई माह से बकाया चले आ रहे वेतन भुगतान की मांग को लेकर जिलाधिकारी से मिल मांगो से सम्बन्धित उन्हें ज्ञापन सौपा। बताया कि अवनी परिधि एनर्जी एण्ड कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्वास्थ्य विभाग तथा मण्डलीय जिला अस्पताल मीरजापुर में 16 जून 2016 के पूर्व से बतौर स्टाफ नर्स, फार्मासिस्टि, चपरासी, चैकीदार, वाहन चालक इत्यादि नियमित ड्यूटी देते आ रहे जिन्हें केवल पिछले वर्ष दो माह जून व जुलाई का वेतन भुगतान किया गया है। 10 माह का वेतन उन्हें आज तक नहीं दिया गया है। जिससे उनके समक्ष जीविकोपार्जन की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है। वेतन भुगतान न होने से दो वक्त की रोटी के साथ-साथ मकान का किराया इत्यादि भी वे दे पाने में असमर्थ है। किराया न मिलने से मकान मालिक भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखलाने की चेतावनी दे रहे है। ऐसे में वे करे तो करे क्या करे उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा है। उनकी फरियाद को पूरी तरह से अनसुना किया जा रहा है। आरोप लगाया कि मुख्य चिकित्साधिकारी, जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को कई बार मौखिक व लिखिक रूप से अवगत कराये जाने के बाद भी उनकी समस्या का सभाधान नहीं हो पा रहा है। बल्कि उल्टा उनके हाजिरी रजिस्टर को रोक कर 1 अप्रैल से मई तक ड्यूटी करवाने तथा 1 जून 2017 से मौखिक रूप से ड्यूटी करने से मना कर दिया गया। जबकि 1 अप्रैल को एसआईसी द्वारा नोटिस जारी की गयी थी कि नवीनीकरण तक समस्त संविद कर्मी पूर्ववत् यथा स्थान कार्य करते रहेंगे। जिस पर सभी संविदा कर्मी नियमित व निष्ठा के साथ कार्य करते चले आ रहे है, लेकिन 1 जून 2017 से एसआईसी ने मौखिक रूप से मैट्रेन का ड्यूटी लगाने से मना कर दिया है। एसआईसी के इस तुगलगी फरमान से सभी संविदा कर्मियों में गहरा आक्रोश है। उन्होंने कहां है कि वह मौखिक रूप से कोई भी बात नहीं मानेंगे। जब तक की उन्हें कोई लिखित नोटिस नहीं दी जाती है। कहां है कि तब तक वह बराबर ड्यूटी करते रहेंगे। संविदा कर्मियों ने कहां है कि 3 जून को जब सुबह स्टाफ नर्स ड्यूटी पर आई तो एसआईसी ने स्टाफ नर्स को हाथ से धक्का देकर अस्पताल से बाहर कर दिया। एसआईसी के इस कृत से उन्हें गहरा ठेस पहुंचा है तथा वे अपने को अपमानित महसूस कर रही है। संविदा कर्मियों ने आरोप लगाया है कि कुछेक को छोड़ शेष गैर जनपदों से आकर यहां कार्य रही है जिन्हें 10 माह से वेतन न मिलने से कई गंभीर चुनौतियों से जुझना पड़ रहा है। जिलाधिकारी से गुहार लगाते हुए उन्होंने कहां है कि यदि शीघ्र ही उनके बकाया वेतन का भुगतान न किया गया तो वह बाध्य होकर धरना प्रदर्शन करने के साथ अनशन पर बैठने को बाध्य होगी, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की होगी। ज्ञापन सौपने वालो मंे विभा सिंह, रेनू सिंह, सुनिता सिंह, निशू खान, कमला सिंह, दिनेश, रजनीश त्रिपाठी, यशवन्त यादव, आलोक आदि शामिल थे।


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