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बुखार से पीड़ित बेटे की दशा में सुधार की बजाए बिगड़ती जा रही थी दशा

 पिता ने लगाया लापरवाही बरतने का आरोप, मीडिया कर्मियों के सहयोग से पुनः कराया गया भर्ती

मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी 

मीरजापुर। उम्मीद थी कि योगी सरकार में मंडलीय अस्पताल की व्यवस्था में सुधार होगा, लेकिन लोगो का सोचना गलत साबित हो रहा है। मंउलीय अस्पताल के चिकित्सक शासन की मंशा पर पानी फेरने का काम कर रहे है। नतीजा यह है कि मरीजों को बेहतर उपचार के लिए भटकना पड़ रहा है। गुरूवार को कुछ ऐसा ही नजारा तब देखने को मिला जब बेहतर उपचार के अभाव में बीमार बेटे की दशा देश उसका पिता बेटे को कंधे पर लांद जिलाधिकारी को अपना दुखड़ा सुनाने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंच गया। मगर वहां जिलाधिकारी के न मिलने पर वह वहीं पेड़ की छांव में बेटे को जमीन पर लिटा बैठ गया। यह तो भला हो वहां मौजूद मीडिया कर्मियों का जिन्होंने बीमार बेटे की हालत को देखते हुए सम्पूर्ण वाकया सुनने के बाद उसे अपनी मोटरसाइकिल से बिठाकर जिला अस्पताल में दाखिल कराया। इस बात की जहां जोरदार चर्चा रही वहीं लोग मंडलीय अस्पताल की दिन प्रतिदिन बीमार होती जा रही व्यवस्था को लेकर शासन-सत्ता को कोंसते नजर आये। बताते चले कि जिले के हलिया विकास खंड़ के दुबार पतार कलाॅ गांव निवासी पप्पू कोल पिछले कई दिनों से अपने 8 वर्षीय बेटे शिवा को बुखार होने पर मंडलीय अस्पताल में कराया था। आरोप है कि उसकी दशा में सुधार होने को कौन कहे दिन प्रतिदिन उसकी दशा बिगड़ती ही जा रही थी। उपचार में भी गंभीरता न बरत लापरवाही बरती जा रही थी ऐसे में गुरूवार को दोपहर वह अपने बेटे को कंधे पर लाद कर बाहर आ गया। बीमार बेटे की दशा देख उसे कुछ नहीं सूझा तो वह सीधे कलेक्ट्रेट पहुंच गया जहां वह जिलाधिकारी से मिल कर अपनी वेदना को सुनाते हुए बेटे के बेहतर उपचार की गुहार लगाना चाह रहा था। लेकिन जिलाधिकारी के न होने पर वह वहीं जमीन पर बैठ गया। उसका आरोप रहा कि वह मेहनत मजदूरी कर अपने व परिवार का पेट पालता है ऐसे में उसके पास इतना पैसा नहीं कि वह बेटे का मंहगें अस्पताल में ले जाकर इलाज करा सके। यही सोच कर वह मंडलीय अस्पताल आया था लेकिन फौरी तौर पर दवा, इंजेक्शन आदि के बाद कोई उसकी ओर झांकने तक नहीं आ रहा था जबकि वह चिकित्सकों के पास जा जाकर थक चुका था। उसकी दशा देख कलेक्ट्रेट में मौजूद मीडिया कर्मियों ने उसे तत्काल मंडलीय अस्पताल ले गए जहां मीडियाकर्मियों को देखते ही स्वास्थ्यकर्मियों में खलबली मच गई और बीमार शिवा को भर्ती करने के साथ उसका उपचार प्रारंभ किया गया। मजे कि बात है कि जिस वक्त पप्पू अपने बेटे को कंधे पर लाद अस्पताल के गेट पर खड़ा होकर अस्पताल की व्यवस्था को कोंस रहा था उसी समय उधर से गुजर रहे किसी सज्जन ने जब अस्पताल की बदहाली और उक्त किशोर की दशा देख डीएम के पास चले जाने की सलाह दी तो मौके पर मौजूद कुछ दलाल किस्म के लोगों और प्राइवेट एम्बुलेंस के लोगो ने तपाक से कहा तो क्या कर लेगे डीएम ले जाओं वही इलाज कर देगें। इतना सुनना था कि उक्त सज्जन ने जब उन सभी का मोबाइल से वीडियों क्लीप बनाना प्रारंभ किया तो वह मौके से तुंरत मुह  छुपाते हुए भाग खड़े हुए। ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है मंडलीय अस्पताल में दलालों के बोलबाला को और यहां व्याप्त कुव्यवस्थाओं का जिसका समय रहते इलाज न किया गया तो वह दिन दूर नहीं जब स्थिति बिगड़ उठे।



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