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मुंबई / संवाददाता - बेस्ट उपक्रम घाटे में होने से कर्मचारियों को वेतन देना भी मुश्किल हुवा है. बेस्टने आर्थिक सहाय्यता की मांग करने पर पिछले दो महीनों से महापालिका प्रशासन ने इसपर किसी भी तरह का निर्णय नही ले रहीं है. मुंबई महापालिका बेस्ट को आश्वास का गाजर दिखाकर उपक्रमपर कठोर नियम लाद रही है. परंतु यह नियम लादन योग्य नही है. बेस्टने महापालिका के पास से जो कर्ज लिया है उस कर्ज के ऊपर का ब्याज पालिका न ले और बेस्ट को जल्द ही एक हजार करोड़ रुपये का अनुदान बिन ब्याज दे यह मांग विरोधी दल नेता रवी राजा ने स्थायी समिती में किया. इसको स्थायी समिती में सर्व दलीय सदस्यों ने समर्थन दिया. यदि महापालिका के पास करोड़ो रूपये फिक्स में जमा किया गया है तो, एक हजार करोड़ का अनुदान देने में क्या समस्या है, इस तरह का सवाल सदस्यों ने पूछा.

बेस्ट उपक्रम को मुंबई महानगरपालिका ने 1600 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है. इस कर्ज में से ८०० करोड़ रुपये बेस्टने १० प्रतिशत ब्याज के साथ महापालिका को वापस लौटाया है. कर्ज के बचे हुवे रक्कम पर दस की जगह पाच प्रतिशत ब्याज पालिका ले यह मांग भाजपा के तत्कालीन दिलीप पटेल ने प्रस्ताव के सूचना द्वारा किया था. इस पर प्रशासन ने पाच प्रतिशत की दर से कर्ज वापस लेने पर महापालिका का नुकसान होगा यह कहकर ब्याज कम करने से इनकार कर दिया था यह बताया गया था. पालिका आयुक्त ने ब्याज इनकार करने के बाद इस मामले का प्रस्ताव दुबारा स्थायी समिती के सामने आया था. उक्त समय विरोधी दल नेता रवी राजा ने कहा कि पिछले दोन महिनो से बेस्ट कर्मचारियों को वेतन का रुपया नही होने के कारण 20 तारिख को दिया जा रहा है. 'गटनेताओ की अब तक चार बार बैठक हुई. परंतु कोई भी निर्णय नही हुवा, आज स्थायी समिती में निर्णय लिया जाए ', यह कहते हुवे उन्होंने बेस्ट बचे हुवे कर्ज पर ब्याज माफ करकर एक हजार करोड़ का अनुदान किसी भी तरह का ब्याज न लगाकर दिए जाने की मांग किया.

रवी राजा के मांग पर भाजपा के प्रभाकर शिंदे ने समर्थन देते हुवे कर्मचारीवर्ग संकट में होने से कर्ज पर ब्याज माफ करे, बेस्ट को ब्याज का अनुदान महापालिका दे यह मांग किया, मुंबई महापालिका ने विविध बैंकों में ६१ हजार करोड़ रुपये से अधिक फिक्स जमा किया है. महापालिका को बैंक में जमा किये गए रुपयों पर पाच से सात प्रतिशत ब्याज मिलता है. मात्र बेस्ट को कर्ज दस प्रतिशत की दर से दिया है, यह योग्य नही है कहते हुवे महानगरपालिका ब्याज देने की पत पेढी है क्या यह सवाल भाजपा के मनोज कोटक ने उपस्थित किया. महापालिका को बेस्ट के कर्ज पर ब्याज रद्द नही कर सकती हो तो और ब्याज ही कमाना हो तो और ब्याज से पैसे कमाने के लिए और १० प्रतिशत ब्याज पर कर्ज लेने वाली संस्था खोजे यह प्रशासन को सुनाया. शिवसेना के आशिष चेंबूरकर ने बेस्ट को आर्थिक मदत करना आवश्यक है इसके लिए किसी भी कोई भी परेशान करने वाली शर्त न हो, इस तरह की सूचना किया. स्थायी समिती के सभी सदस्यों के किये गए मांग पर हस्तक्षेप करते हुवे स्थायी समिती अध्यक्ष रमेश कोरगावकर ने उपरोत्त प्रस्ताव पुनर्विचार के लिए प्रशासन के पास भेजा.

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