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सभी राजनीतिक दल एकला चलो की रहा पर |
पहले दिन एक भी उम्मीदवार ने नामांकन पत्र नहीं भरा |


भिवंडी। एम हुसेन। भिवंडी निजामपुर शहर महानगरपालिका का चुनाव आगामी 24 मई को होने की तिथि की घोषणा के बाद सभी राजनीतिक दल चुनाव की तैयारी में पूरी सक्रियता से जुट गए हैं | सभी पार्टियों के नेता, पदाधिकारी व कार्यकर्ता अपने कार्यालय में इच्छुक उम्मीदवारों की बैठक लेकर मतदाताओं को लुभाने की रणनीति बनाने की ज़ोरदार तैयारी में लगे हुए हैं | इसी बीच समान विचारधारा वाली पार्टी भाजपा, शिवसेना और कांग्रेस, राकांपा व सपा के बीच आपस में गठबंधन कर चुनाव लड़ने की बात पर पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत चल रही थी | लेकिन, सीटों पर समझौते को लेकर आपस में संगति नही बनती दिखाई पड़ रही है |


भिवंडी मनपा चुनाव के लिए शनिवार 29 अप्रैल से उम्मीदवारों के नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है | जबकि पहले दिन एक भी उम्मेदवार द्वारा नामांकन नहीं भरने की जानकारी मनपा द्वारा प्राप्त हुई है | एक तरफ चुनाव की क्रिया चरम पर है, ऐसे में भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन की बात नही बन पाई | इसी तरह समविचारधारा वाली पार्टी कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस व समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच गठबंधन करने की बातचीत का दौर जारी होने के समाचार प्राप्त हुए हैं | दो दिन पहले राकांपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री गणेश नाईक भिवंडी में आकर कांग्रेस पार्टी तथा समाजवादी पार्टी से गठबंधन के लिए बातचीत कर एक साथ चुनाव लड़ने के संकेत दिए थे, लेकिन बात आगे नही बढ़ी | भिवंडी के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भिवंडी कांग्रेस के नेता, कार्यकर्ता व इच्छुक उम्मीदवार राकांपा से समझौता करने के पक्ष में नही है | इसी तरह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान व समाजवादी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष विधायक अबू आसिम आज़मी के निर्देश पर भिवंडी में कांग्रेस और सपा के जिला अध्यक्ष के बीच गठबंधन को लेकर आपस में विचार करने के निर्देश दिए गए हैं | मौजूदा स्थिति में दोनों जिला अध्यक्ष व पार्टी के स्थानीय वरिष्ठ नेता अपनेे स्तर से बैठ कर सीटों के तालमेल का दिखावा मात्र करने में जुटे हैं | कांग्रेस के एक नाराज़ वरिष्ठ नेता ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि सपा और कांग्रेस में गठबंधन के नाम पर चूहा बिल्ली का खेल वरिष्ठ नेताओं के निर्देश को पूरा करने के दिखावे के लिए किया जा रहा है | नाराज़ कांग्रेसी नेता ने यह भी इशारा दिया कि भिवंडी के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में कांग्रेस का ग्राफ काफी ऊपर है | इसलिए कांग्रेस पार्टी किसी भी राजनीतिक दल से गठबंधन कर चुनाव लड़ने के मूड में नही है | गठबंधन के नाम पर केवल खाना पूर्ती और दिखावे का काम हो रहा है | बता दें कि, पिछले महानगरपालिका चुनाव में कांग्रेस पार्टी के सर्वाधिक 27 नगरसेवक चुन कर आए थे | मनपा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी | राकांपा के 09 तथा समाजवादी पार्टी के 17 नगरसेवक चुनकर आए थे | जिसमें से सपा और राकांपा के कई नगरसेवक पार्टी छोड़कर कांग्रेस, भाजपा व शिवसेना में शामिल हो गए हैं | ऐसी स्थिति में कांग्रेस पार्टी की स्थिति सबसे मज़बूत दिखाई पड़ रही है | भिवंडी शहर कांग्रेस जिला अध्यक्ष शोएब गुड्डू इस मनपा चुनाव में 35 से 40 सीट पर जीतने का दावा कर रहे हैं | इसलिए कांग्रेस सपा व राकांपा से गठबंधन करने के मूड में दिखाई नही पड़ रही है | एक बात कांग्रेस के पक्षज़रूर दिखाई पड़ रही है कि पार्टी के अंदर गुटबाज़ी होने के बावजूद कोई भी गुट किसी भी समान विचारधारा वाले दल के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने के पक्ष में नही है | कमोवेश यही स्थिति भाजपा और शिवसेना के बीच भी बनी हुई है | भिवंडी में समान विचारधारा वाली पार्टी शिवसेना और भाजपा एक दूसरे के कट्टर विरोधी है | दोनों पार्टी के नेताओं के बीच राजनीतिक विवाद के चलते गठबंधन की बात तो दूर आपस में एक दूसरे से बात करने को तैयार भी नही | भिवंडी शहर भाजपा अध्यक्ष संतोष एम शेट्टी के अनुसार भाजपा अपने मित्रपक्ष आरपीआई(आठवले) के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी | सीटों को लेकर तालमेल की बात शुरू है, जिसे जल्द ही तय किए जाने का संकेत दिया है | बता दें कि, पिछले महानगरपालिका चुनाव में भाजपा और शिवसेना दोनों पार्टी अलग अलग चुनाव लड़ी थी, जिसमें शिवसेना के 16, भाजपा के 08 नगरसेवक चुन कर आए थे | इस बार भिवंडी लोकसभा में भाजपा के सांसद कपिल पाटिल और विधायक महेश चौघुले के चुनकर आने के बाद भिवंडी में भाजपा की ताकत बहुत बढ़ गई है | इसलिए भाजपा शिवसेना से गठबंधन करके चुनाव लड़ने के मूड में नही है | वहीं राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में जहां भाजपा को उम्मेदवार नही मिल रहे हैं, वहां भाजपा ज़रूरत पड़ने पर कोणार्क विकास अघाड़ी से गुप्त समझौता कर चुनाव लड़ सकती है, क्योंकि बीते लोकसभा व विधानसभा चुनाव में कोणार्क विकास अघाड़ी के सुप्रीमों व पूर्व महापौर विलास पाटिल ने भाजपा का खुल कर समर्थन किया था | पिछले मनपा चुनाव में कोणार्क विकास अघाड़ी के छह उम्मीदवार चुन कर आए थे | चार निर्दलीय नगरसेवकों का समर्थन लेकर मनपा में कोणार्क विकास अघाड़ी के दस नगरसेवक थे | इसलिए इस चुनावी माहौल में भाजपा और कोणार्क विकास अघाड़ी के बीच कुछ सीट पर गुप्त समझौते की सम्भावना से इनकार नही किया जा सकता है | भिवंडी मनपा के इस चुनावी सरगर्मी के बीच की स्थिति को देखते हुए यह लगभग तय हो चुका है कि सभी पार्टी एकला चलो की राह पर चल कर अकेले चुनाव लड़ने के फुल मूड में आ चुकी है | किसी भी राजनीतिक दल का आपस में गठबंधन होता नही दिखाई पड़ रहा |

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