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' मासिक( एमसी) व्यवस्थापन ' मार्गदर्शिका डॉ. तरुलता धानके राज्य शासन द्वारा सम्मानित ! भिवंडी। एम हुसेन। महाराष्ट्र शासन स्तर पर विविध योजना का आयोजन अधिकारी व कर्मचारी कौशल्य रूप से उपक्रम सफल करते हैं।

.इस प्रकार का कर्तव्य दक्ष अधिकारी द्वारा यशवंत पंचायत राज अभियानांतर्गत सम्मान जनक गौरव कर उन्हें सम्मानित करने का निर्णय राज्यशासन ने लेते हुए गुणवंत अधिकारी पुरस्कार समारोह वितरण कार्यक्रम का आयोजन यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान सभागृह मुबंई स्थित किया गया था .इस कार्यक्रम में राज्यपाल सी.विद्यासागरराव,मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रमुख उपस्थिति में ग्रामविकास मंत्री पंकजा मुंडे के शुभहस्तों भिवंडी तालुका पंचायत समिति की वैद्यकीय अधिकारी डॉ. तरुलता धानके का राज्यशासन ने ' मासिक (एमसी) व्यवस्थापन ' उपक्रम बाबत प्रशस्ती पत्र व स्मृती चिन्ह देकर पुरस्कृत किया गया है .उक्त पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि के रूप राज्यपाल सी.विद्यासागरराव,मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ,ग्रामविकास मंत्री पंकजाताई मुंडे ,राज्यमंत्री दादाजी भुसे ,ग्रामविकास सचिव असीम गुप्ता ,कोकण आयुक्त प्रभाकर देशमुख आदि मान्यवर उपस्थित थे . २१ वा शतक वाटचाल करने वाले समाज आज भी मासिक (एमसी) जैसी प्राकृतिक से अभिज्ञनिय हैं .जिसकारण ग्रामीण भाग की ६० प्रतिशत से अधिक लडकियां ‘ जो ’ दिन में स्कूल नहीं जाती हैं अथवा अपने कामकाज से भी दूर रहती हैं . इस विषय को लेकर उनके अभिभावक भी हाथ पे हाथ रखकर लडकियों को स्कूल से वंचित रखते हैं। उक्त प्रकार का तत्थ भिवंडी तालुका वैद्यकीय अधिकारी डॉ. तरुलता धानके के निदर्शनास आया. इस विषय पर इन्होने सामाजिक जनजागृती करने के लिए शासन तत्कालीन ठाणे जि.प.के मुख्यकार्यकारी अधिकारी उदय चौधरी के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत किया था.जिसपर तत्काल मान्यता दिये जाने के बाद डॉ.तरुलता धानके ने संपूर्ण ठाणे जिला ( तत्कालीन पालघर जिला सहित ) भ्रमण कर आदिवासी दुर्गम भागों के स्कूलों में भेट वार्ता कर लडकियों से संवाद शुरु किया .उक्त समय अभिज्ञनियता के कारण लडकियों ने गुप्तांग (एमसी) को बीमारी ही समझती हैं यह सिद्ध हुआ .तथा उक्त बीमारी के उपचार हेतु कुछ लडकियां ' बाम ' का प्रयोग करती हैं .ठाणे जिला में ८ प्रतिशत लडकियां अद्यापी मासिक (एमसी) विषय से अभिज्ञनिय हैं यह स्पष्ट हुआ है .किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से लडकियों में उक्त विषयों पर जागरूकता निर्माण हो इस उद्देश्य से आरोग्य विभाग द्वारा विशेष कार्यशाला का आयोजन कर इन लड़कियों की अभिज्ञनियता व भय दूर करने का प्रयत्न डॉ. तरुलता धानके ने किया है .मासिक (एमसी) व्यवस्थापन द्वारा पूर्व

वर्षो से आदिवासीपाडे एवं ग्रामीण भागों में जनजागृती कर आज तक जिले के ग्रामीण तथा आदिवासी भागों में स्कूल जाने वाली व स्कूल के बाहर रहने वाली 45 हजार लडकियों को एकत्रित कर उन्हें मासिक (एमसी) विषयी की अभिज्ञनियता से अवगत कराया तथा आरोग्य की समस्याओं का निराकरण कर आत्मविश्वास निर्माण किया है.यह सामाजिक उपक्रम के आयोजन में स्कूल व्यवस्थापन, शिक्षक, अभिभावक तथा आरोग्य विभाग एवं स्वयंसेवी संस्था,आंगणवाडी व इसी प्रकार से जुडे कार्यकर्ता आदि की सहायता ली गई है .डॉ.तरुलता धानके इस प्रकार से कार्यकर्ताओं के साथ सॅनिटरी नॅपकिन वितरित कर रूकी नहीं बल्कि इन्होने लडकियों व अभिभावकों को विश्वास में लेकर जनजागृती की व इनकी जीवन प्रणाली में बदलाव लाकर रूढी,परंपरा,अंधविश्वास मन से दूर करने के लिए मुख्य भूमिका निभाई है .उक्त सफल उपक्रम को केंद्र सरकार ने संज्ञान में लिया है तथा उत्तर प्रदेश सरकार के आरोग्य विभाग का पथक जानकारी लेने के लिए गत दिनों मुंबई आकर गए हैं .इसलिए डॉ. तरुलता धानके का मासिक (एमसी) व्यवस्थापन उपक्रम जो महाराष्ट्र सहित संपूर्ण देशभर में लागू होने की संभावना दर्शायी जारही है जो भिवंडी सहित महाराष्ट्र के लिए गौरव की बात है।जिसपर क्षेत्र वासियों ने डॉ. तरूलता धानके को हार्दिक शुभकामनाएं दीं है।

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