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मुंबई - मुंबई महापालिका के सन 2017-18 का अर्थसंकल्प वास्तववादी व पारदर्शी न होकर मुंबईकरो की दिशाभूल व विकास कामोपर परिणाम पड़ने वाला यह आरोप मनसे के पूर्व नगरसेवक संदीप देशपांडे ने किया है. पारदर्शकता की पहरेदार गेटपर कुर्सी लगाकर सो गयी है , यह टीका भी उन्होंने भाजपा का नाम न लेते हुवे किया.

इस बार का पालिका का अर्थसंकल्प 11 हजार करोड़ कम हुवा है. खर्च कम किया, मात्र कर उसी तरह है. कटौती करने पर उससे विकास कामपर विपरीत परिणाम होगा यह देशपांडे ने कहा. जकात कर बन्द होने वाला है उससे मिलने वाला उत्पन्न प्रशासन को भरना है, इसलिए यह अंकों का खेल है . जकात कर रद्द होने के बाद केंद्र सरकार कितना पैसा और कब देने वाली है, इस मामले में कुछ भी जानकारी नही है, इस मामले में आयुक्त की साशंक है. जकात चोरी करने वालो पर अभी तक कुछ भी कारवाई नही हुई, यह जिम्मेदारी कौन लेगा यह सवाल भी उन्होंने पूछा . पिछले वर्ष मालमत्ता कर अधिक मिला फिर इस वर्ष कम क्यों ? प्रशासन का यह असफलता है.

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