खुले में शौंच को जाने का मजबूर लोग
मीरजापुर ( संतोष देव/आशीष कुमार तिवारी ) जहां एक तरफ सिटी ब्लाक के सभी गांवों को खुले में शौंच मुक्त बनाये जाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है वहीं ब्लाक मुख्यालय पर बने शौंचालयों में ताला बंद होने से ब्लाक मुख्यालयों पर आने वाले फरियादियों के साथ कर्मचारी को यदि आवश्यकता हुई तो वह खुले मंे शौंच जाने के लिए मजबूर देखे जा रहे हैं। इस सम्बन्ध में अखिल भारतीय भागीदारी यादव महासभा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य भोलानाथ यादव का कहना है कि कहने के लिए सिटी ब्लाक मुख्यालय पर ठीक सभागार के बगल में शौंचालय की स्थापना करायी गयी है जिसमें हर वक्त ताला बंद रहता है। ब्लाक मुख्यालय पर आने वाले फरियादियों के साथ ही खुद यहां तैनात कर्मचारियों को यदि शौंच की आवश्यकता पड़ गयी तो वे हाथो में बोतल ले खुले शौंच के लिए जाने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि यदि कुछ शौंचालयों का ताला खुला भी हुआ है तो फिर उसमें व्यापकतौर पर गंदगिया भरी हुई हैं चाह कर भी कोई ऐसे शौंचालयों में घूसने की हिम्मत नहीं जूटा सकता। श्री यादव ने कहा कि इसी ब्लाक मुख्यालय पर एडीओ पंचायत के अंडर में प्रत्येक दिन दर्जनों की संख्या में सफाईकर्मी देखे जाते हैं पर ब्लाक की साफ-सफाई से न तो एडीओ पंचायत सिटी से मतलब है और न ही तैनात सफाईकर्मियों से। कहा कि जब ब्लाक मुख्यालय का यह हाल है तो फिर गांवों में चलाया जा रहा खुले में शौंच से मुक्ति का अभियान का क्या होगा यह तो किसी भी गांव का भ्रमण कर हकीकत खुद अपने आंखों से देखा जा सकता है।
मीरजापुर ( संतोष देव/आशीष कुमार तिवारी ) जहां एक तरफ सिटी ब्लाक के सभी गांवों को खुले में शौंच मुक्त बनाये जाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है वहीं ब्लाक मुख्यालय पर बने शौंचालयों में ताला बंद होने से ब्लाक मुख्यालयों पर आने वाले फरियादियों के साथ कर्मचारी को यदि आवश्यकता हुई तो वह खुले मंे शौंच जाने के लिए मजबूर देखे जा रहे हैं। इस सम्बन्ध में अखिल भारतीय भागीदारी यादव महासभा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य भोलानाथ यादव का कहना है कि कहने के लिए सिटी ब्लाक मुख्यालय पर ठीक सभागार के बगल में शौंचालय की स्थापना करायी गयी है जिसमें हर वक्त ताला बंद रहता है। ब्लाक मुख्यालय पर आने वाले फरियादियों के साथ ही खुद यहां तैनात कर्मचारियों को यदि शौंच की आवश्यकता पड़ गयी तो वे हाथो में बोतल ले खुले शौंच के लिए जाने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि यदि कुछ शौंचालयों का ताला खुला भी हुआ है तो फिर उसमें व्यापकतौर पर गंदगिया भरी हुई हैं चाह कर भी कोई ऐसे शौंचालयों में घूसने की हिम्मत नहीं जूटा सकता। श्री यादव ने कहा कि इसी ब्लाक मुख्यालय पर एडीओ पंचायत के अंडर में प्रत्येक दिन दर्जनों की संख्या में सफाईकर्मी देखे जाते हैं पर ब्लाक की साफ-सफाई से न तो एडीओ पंचायत सिटी से मतलब है और न ही तैनात सफाईकर्मियों से। कहा कि जब ब्लाक मुख्यालय का यह हाल है तो फिर गांवों में चलाया जा रहा खुले में शौंच से मुक्ति का अभियान का क्या होगा यह तो किसी भी गांव का भ्रमण कर हकीकत खुद अपने आंखों से देखा जा सकता है।
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