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यशवंत जाधव की शिवसेनेना गटनेता पद पर नियुक्ति

मुंबई / प्रतिनिधी

मुंबई महापालिका के चुनाव में मतदाताओ ने सत्ता बनाने के लिए किसी दल को बहुमत न देने पर महापौर किसका बनेगा इस पर सभी का धयान लगा है. शिवसेना और भाजपा के भीतर अनेक नगरसेवक महापौर पद के लिए फील्डिंग लगाकर बैठे है. इसी बीच शिवसेनेना के महापौरपद के प्रबल दावेदार रहे अनुभवी नगरसेवक यशवंत जाधव की शिवसेनेना ने गटनेता पद पर नियुक्त किये जाने से उनका महापौरपद से और स्थायी समिती अध्यक्षपद का सपना टूट गया है. यशवंत जाधव यह अनुसूचित जाती के होने से उन्हें गटनेता बनाकर अन्य महत्व के पद से दूर किये जाने की चर्चा सुरु है.

मुंबई महापालिका में वर्ष 2012 के चुनाव में ढाई वर्ष का समय महापौर पद अनुसुचित जाती की महिलां के लिए आरक्षीत था. इसके लिए यशवंत जाधव की पत्नी यामिनी जाधव की महापौरपद मिले इसलिए यशवंत जाधव ने अपनी पूरी ताकत लगाई थी. उसी समय यामिनी जाधव को महापौरपद न मिले इसके लिए महापालिका के शिवसेना के नेताओ भी मातोश्रीपर लॉबिंग किया था. इसके चलते महापौर पद के लिए प्रबल दावेदार होने के बावजूद भी शिवसेना नेतृत्व ने यामिनी जाधव के बजाए स्नेहल आंबेकर को महापौरपद दिया था.

मुंबई महापालिका के 2107 के चुनाव में शिवसेनेना को 84 जगह विजयी हुई है. शिवसेना पालिका में सत्ता स्थापित करने की संभावना अधिक है. फिलहाल महापौरपद जरनल वर्ग के होने से जाधव भी महापौरपद के दौड़ में थे. स्थायी समिती, प्रभाग समिती, स्थापत्य समिती, बाजार व उद्यान समिती में कामकाज का अनेक वर्ष का अनुभव होने से जाधव को महापौरपद पर शिवसेना बैठायेगी. महापौरपद नही तो जाधव को स्थायी समिती का अध्यक्ष पद तो मिलेगा यह संभावना जताई जा रही थी. अब शिवसेना ने जाधव की महापालिका के गटनेता पद पर नियुक्त करके उन्हें महापौर और स्थायी समिती अध्यक्षपद से पा दूर रखा है. इसके चलते अब शिवसेना का मुंबई महापालिका में महापौर बैठने पर जाधव को सभागृह नेता पद की कमान सभालना पड़ेगा या शिवसेना का महापौर नही हुवा तो उन्हें विरोधी दल नेता के तौर पर काम देखना पड़ेगा.

महापौरपद की स्पर्धा से पत्ता कट होने के बाद अब शिवसेना के नगरसेवक मंगेश सातमकर, विश्वनाथ महाडेश्वर, रमेश कोरगावकर और रमाकांत रहाटे के बीच महापौरपद के लिए मुकाबला निर्माण हुवा है. इस समय पर भी महिला को ही महापौरपद दिए जाने का शिवसेना ने निर्णय लिया तो राजूल पटेल, शुभदा गुडेकर और किशोरी पेडणेकर के बीच महापौरपद की स्पर्धा रहेगी यह सूत्रों ने कहा है. पूर्व विधायक और पूर्व महापौर विशाखा राऊत को भी दुबारा महापौरपद का अवसर मिल सकता है यह अंदाज राजकीय विश्लेषग बता रहे है.

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