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भिवंडी। एम हुसेन। पूर्व चार वर्षां से आर्थिक संकट से झूंझ रहे पॉवरलूम उद्योग की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने 27 एचपी से कम पावरलूम के लिए बंद किए गए 30 प्रतिशत अनुदान पुनः शुरू कर दिया है .पावरलूम व्यवसाय को सुरक्षा व सवांरने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुदान उपलब्ध कराने के लिए सांसद कपिल पाटिल द्वारा पत्र व्यवहार करते हुए अथक प्रयास किया गया था . उल्लेखनीय है कि भिवंडी सहित संपूर्ण देश में टेक्सटाईल्स यूनिट में ( २७ एचपी पेक्षा कम पावरलूम ) उपयोग किया जाता है।
उक्त पावरलूम द्वारा एक मिनट में 3.50 मीटर कपडा निर्मित होता है .इसके लिए 30 प्रतिशत अनुदान दिया जाता था.परंतु तत्कालीन काँग्रेस आघाडी सरकार के वस्त्रोद्योग मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2013 को एक अध्यादेश पारित कर 27 एचपी से कम पावरलूम का अनुदान अचानक बंद कर दिया था । इसलिए पॉवरलूम व्यवसायियों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ जिसकारण पावरलूम व्यवसायियों के सामने आर्थिक संकट खडी हो गई है इस आर्थिक संकट से झूंझ रहे सैकडो पावरलूम व्यवसायियों ने सांसद कपिल पाटिल के समक्ष उक्त समस्याओं से अवगत कराया था। उक्त समस्याओं का समाधान करने के लिए पावरलूम व्यवसायियों को वचनबद्ध रूप से भाजपा सांसद कपिल पाटिल ने पूर्व 2014 से हर संभव प्रयास करना शुरू कर दिया था .सांसद कपिल पाटिल ने तत्कालीन वस्त्रोद्योग मंत्री संतोष गंगवार,विद्यमान मंत्री स्मृती इरानी तथा वस्त्रोद्योग आयुक्त डॉ.कविता गुप्ता,सहायक आयुक्त एस.बालाराजू ,सचिव श्रीमती शीतल वर्मा आदि से समय समय से भेट कर उक्त समस्याओं को अवगत कराते हुए मांग कर रहे थे .अंतत इस संदर्भ में केंद्र सरकार ने शनिवार को आदेश पारित कर पावरलूम व्यवसायियों को समाधान के लिए आश्वस्त किया है .उक्त आदेशानुसार 27 एचपी से कम वाले पावरलूम के लिए 30 प्रतिशत कॅपिटल अनुदान पुन दिये जाने कि निर्णय लिया गया है .यह अनुदान 1 अप्रैल 2017 से पावरलूम व्यवसायियों को मिलना सुनिश्चित किया गया है .भिवंडी सांसद कपिल पाटिल द्वारा अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप पावरलूम व्यवसायियों को 30 प्रतिशत अनुदान उपलक्ष्य कराये जाने से पावरलूम व्यवसायियों में अपार हर्ष व्याप्त है और सांसद कपिल पाटिल के प्रति आभार प्रकट किया जारहा है।

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