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आगरा , ( अजहर उमरी ) मशहूर व मारूफ सामाजिक कार्यकर्ता एवं पेशे से अधिवक्ता मोहम्मद राशिद नसीम ने देश की शाही जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी पर तीखी आलोचना व्यक्त करते हुए कहा कि इमाम बुखारी सिर्फ नमाज़ पढ़ाने से मतलब रखें, कौम का सौदा न करें। नुमाइन्दे से बात करते  राशिद ने  कहा कि कौम बेवकूफ नहीं है कि वह राजनीतिक मामलों में खुद फैसला न कर सके।  नसीम ने कहा कि जब भी चुनाव आता है इमाम बुखारी मुसलमानों का सौदा करने के लिए राजनीतिक पार्टियों से क्या बात करते हैं और कितनी रकम लेते हैं, इस बात को आज तक बाज़े (खुलासा) नहीं किया। लिहाज़ा इमाम बुखारी मुसलमानों के वोट का सौदा करना तुरंत बंद कर दें।क्योंकि हिन्दुस्तान का मुसलमान उनकी बात नहीं मानता है और न ही मानेगा। उनकी किसी बात का मुसलमानों पर कोई असर नहीं है। नसीम ने सभी सियासी पार्टियों से भी अनुरोध किया है कि इमाम बुखारी के जरिए मुसलमानों का सौदा न करें, क्योंकि हिन्दुस्तान का मुसलमान इमाम बुखारी की बात नहीं मानता है और न ही इमाम बुखारी की किसी भी बात का हिन्दुस्तान के मुसलमानों पर कोई असर है।  नसीम ने कहा कि जामा मस्जिद पर हक किसी मुगल बादशाह के वारिसा का होना चाहिए, अर्थात जामा मस्जिद का मुतवल्लि किसी मुगल बादशाह के वारिस को होना चाहिए। जहां तक मेरी जानकारी है कि इमाम बुखारी का कोई भी ताल्लुक किसी मुगल बाहशाह से नहीं है

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