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फास्टैग और डीज़ल कार्ड्स सुविधा से मिला लाभ 

मुंबई,  इस वक्त जब बहुत सी माल परिवहन कंपनियां नकदी की किल्लत से जूझ रही हैं तब देश में लंबी दूरी के माल परिवहन के क्षेत्र में नयापन लाने के लिए प्रतिबद्ध असैट-फ्री, फुल-सॉल्यूशन, टैक-ऐनेबल्ड इंटरस्टेट एफटीएल सेवा प्रदाता कंपनी ट्रकोला बढ़िया कारोबारी वृद्धि हासिल कर रही है। दिसंबर 2016 में कंपनी ने दिसंबर 2015 के मुकाबले 23 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है; इसका श्रेय बड़े पैमाने पर कैशलेस लेनदेन के साधनों जैसे फास्टैग्स व डीज़ल कार्ड्स को जाता है जिन्हें कंपनी ने विमुद्रीकरण के बाद अपनाया। दिसंबर में ट्रकोला ने जितने भी लेनदेन किए उनमें कैशलेस टोल भुगतान का हिस्सा 98 प्रतिशत से अधिक रहा। जबकि विमुद्रीकरण से पहले यह औसत महज़ 21 प्रतिशत था।

गौर तलब है कि इसे अपनाने का लाभ यह हुआ कि ट्रकोला से जुड़े ट्रक मालिकों को फास्टैग्स ट्रांजेक्शन पर 10 प्रतिशत कैशबैक और डीजल कार्ड पेमेंट पर 1 प्रतिशत से अधिक कैशबैक मिला, जो कि इस समय सरकार व ईंधन कंपनियों द्वारा दिया जा रहा है। कैशफ्री होने के ट्रकोला के कदम से, इस प्लैटफॉर्म से जुड़े ट्रक मालिकों को पूंजीगत व्यय पर भारी बचत करने में मदद मिली है।

ट्रकोला के संस्थापक व सीईओ राघव हिमतसिंगका ने कहा, ’’टोल टैक्स और ईंधन लागत ट्रक मालिकों के दो बड़े खर्चे होते हैं, डायरेक्ट रनिंग कॉस्ट का 15 से 20 प्रतिशत केवल टोल कर अदायगी में ही व्यय हो जाता है। फास्टैग्स व डीजल कार्ड के इस्तेमाल पर कैशबैक दिए जाने से हमारे प्लैटफॉर्म से जुड़े ट्रक मालिकों को अपनी सकल लागत में अहम कटौती करने व अपने परिचालन व्यय पर अच्छी बचत करने में मदद मिलती है। यह वित्तीय प्रोत्साहन ही वो वजह है कि ट्रकोला पर लगभग 92 प्रतिशत वाहन अब डीजल कार्ड इस्तेमाल करते हैं और हमारे 60-65 प्रतिशत वेंडर फास्टैग्स के जरिए टोल टैक्स का भुगतान करते हैं।’’

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