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भिवंडी। एम हुसेन।  उत्तरप्रदेश  के मेरठ क्षेत्र की  आफ़िफ़ा कन्सल्टंसी प्रा.लि.नामक ऑनलाईन फायनान्स कंपनी से  संलग्न  बताकर भिवंडी के  कुंभारआली रोड स्थित  शिवम प्लाझा बिल्डिंग में  ओमसाई दत्तगुरु फायनांस कंपनी के नाम की उपशाखा खोलकर  एक टोली ने  तालुका के  ९० से  १०० लोगों   ७० लाख रुपये की धोखा धडी   की  घटना प्रकाश में आई है। इस धोखा धडी  प्रकरण में  विश्वगड ( दुगाडफाटा ) स्थित  बापलेक व बोईसर ( पालघर ) स्थित  निवासी  बिल्डर इस प्रकार तीन धोखे बाजों के विरुद्ध  ठाणे आर्थिक गुन्हे शाखा ने  शहर के   कुंभारवाडा पुलिस  स्टेशन में  धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है .छगन वसंत जाधव ( ३२ ) ,वसंत लोडू जाधव (५२ निवासी .विश्वगड ) व बिल्डर विक्रांत सुभाषचंद्र किराड ( ४५ निवासी   बोईसर ,पालघर ) इस प्रकार तीनों धोखेबाजो का नाम है.जिसमे छगन जाधव ने  अन्य मित्रों सहित पूर्व  सन २०१४ में  प्रभुआली स्थित  शिवम प्लाझा बिल्डिंग में  आफ़िफ़ा कन्सल्टंसी प्रा.लि.ऑनलाईन फायनान्स कंपनी की  उपशाखा के रूप में  ओमसाई दत्तगुरु फायनांस कंपनी के नाम से  कार्यालय शुरू किया था .इस  कंपनी  द्वारा  बँक से गृह,शैक्षणिक ,व्यक्तिक  ,प्रॉपर्टी आदि ऑनलाईन कर्ज उपलब्ध किये जाने का आश्वासन दिया यह कहते हुए इच्छाधारी लोगों से  प्रोसेसिंग व फाईल फीस के नाम पर  लगभग  ९० से  १०० लोगों का ७० लाख रुपये चीट किया है।  उक्त धोखेबाजो ने  अन्य मित्रों के साथ  बोईसर स्थित  बांधकाम व्यवसाय शुरू किया है इस प्रकार सबको गुमराह करते हैं। धोखेबाज  छगन ने  फायनान्स कंपनी के लिए  अनिल गजरे , अनंता पाटिल  ,प्रविण घोडके ,योगेश भोईर ,आदेश पाटिल  ,शशिकांत बाबर ,विश्वास सालवी आदि को एजेंट के रूप में नियुक्त  किया था .प्रत्येक कर्ज प्रकरण में  २ प्रतिशत  कमीशन देने के लिए आश्वस्त किया था। .कर्जदारों को  वापस करते समय केवल  ७० प्रतिशत  भरना पडेगा  असेही .इस  कर्ज प्रकरण में  सुचिता गजरे ,नारायण मोरे ,चित्रा पाटिल  ,भूषण धनगर ,बालाराम पाटिल ,मुमताज शेख ,कृष्णा धापसी ,नितीन भालके ,संतोष शिंदे आदि के पास से नकद  व चेक द्वारा   छह  लाख तथा  अनिल गजरे से  २ लाख ७५ हजार रुपये इस प्रकार  कुल ९० से  १०० लोगों से  लगभग  ७० लाख रुपये प्रोसेस व फाईल फीस के नाम  वसूल कर लिया है। उक्त धोखाधड़ी का मामला  शहर व गणेशपुरी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराने के लिए  अनिल गजरे पूर्व छह महीने से   अनेकोबार  प्रयास किया परंतु पुलिस  अधिकारियों  ने हर समय टालमटोल करते हुए अनिल गजरे को वापस करते रही। अंतत  ठाणे पुलिस  आयुक्तालय के  आर्थिक अपराध शाखा  ने इस मामले को   गंभीरता से लेते हुए  शहर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया है जिसकी विस्तृत जांच आर्थिक अपराध  शाखा के  एपीआय अनुजा राजगुरू कर रही है .        

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