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मुंबई / संवाददाता मुंबई की खाली जमीन अब अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके पूर्व यह जमीन मनपा के कब्जे में लिये जायेंगे। इसके बाद जीन ठेकेदारों ने खाली ज़मीनों सही की देखभाल की है, इन ठेकेदारों को देखभाल के तौर पर फिरसे जमीन दि जायेगी, यह जानकारी मनपा आयुक्त अजोय मेहता ने स्थायी समिती में दी । मुंबई की खाली जमीन और खाली मैदान, उद्यान दत्तक के तौर पर देने के बारे में नया नियम मनपा ने तयार किया है। इस नियम के नुसार संस्थां को जमीन देने के शर्त रखी गई है। इसके नुसार मुंबई के 216 खाली जमीन कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू की है। इसमें से 36 भुखंड  मनपा ने कब्जे में लिये है। बची हुई जमीन कब्जे में लेने के लिये संबंधिती को नोटीस भेजी गई है। 216 भुखंड कब्जे में लेने के बाद जिन ठेकेदारों ने अच्छी तरह जमीन की देखभाल की है, उन्हे फिरसे खाली जमींन की देखभाल करने के लिये दि जायेंगी। साथ ही विकसित होनेवाले ज़मीन के व्यवस्थापन में स्थानिक जनता का सहभाग रखा गया है। खेल के मैदान के तौर पर विकसित खाली जमीन कुछ समय के लिये छात्राओं और जनता को निशुल्क इस्तेमाल करने मिलेगा, यह आयुक्त अजोय मेहता ने स्पष्ट किया है। इस दौरान खाली जमीनों के संबधित नियमों को मनसे, काँग्रेस ने जोरदार विरोध किया था। आगामी मनपा चुनाव ध्यान में रखकर यह नियम मंहगा पड़ेगा ध्यान में आते ही भाजपा ने भी यूटर्न लेते हुए खाली जमीनों के नियमो को मुख्यमंत्री ने  स्थगिती दी । लेकिन, स्थायी समिती के बैठक में आयुक्त अजोय मेहता ने किसी भी हालात में खाली ज़मीन कब्जे में लेने का इशारा देने से भुखंडधारकों के खलबली मची हैं।

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