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मुंबई / बेस्ट के एसी बस को कवडी के दाम भंगार में बेचने का प्रस्ताव आज बेस्ट समिती के सदस्यों ने रोका।
बेस्ट में एसी बसो को सफेद हाथी कहा जाता है । 280 एसी बसो को 7 साल पहले बेस्ट की सेवा  में शामिल किया गया था  । इसमें से अब केवल 106 बस रास्तों पर दौड़ रही है ।अन्य सभी बस  डिपो  में धुल खा  रही है । एसी बसो से बेस्ट को पिछले 4-5 वर्ष में 80 करोड़  रुपये राजस्व   मिला लेकिन 400 करोड़  रुपये खर्चा हुआ है । इसलिए एसी बस से बेस्ट को नुकसान होता है तो एसी बसो को बंद करने की मांग बेस्ट समिती सदस्य रवी राजा ने की है ।
एसी बसो को चलाने में प्रशासन को असफलता मिली है ।एसी बसो को भंगार में निकालने की साजिश की है यह कहा  जा रहा है । एसी बस से अन्य जगहों पर जा सकते है इस तरह का  विचार बेस्ट क्यों नही करती है, यह सवाल उपस्थित करते हुए इस बसो को भंगार में निकालने के पीछे कौन है, उनके नाम समिती के सामने लाने की मांग केदार होंबालकर ने की है। एसी बसों को अन्य जगहों पर शुरू है तो केवल बेस्ट को ही एसी बसों को चलाने में असफलता क्यों मिल रही है, इस पर विचार करने की आवश्यकता है यह बेस्ट कमिटी के सदस्य शिवजी सिंग ने कहा ।
एसी बसों को चलाने में प्रशासन असफल हुई है यह सभी सदस्यों ने बैठक में कहा ।इस दौरान, एसी बस को भंगार में ना देते हुए प्रशासन एसी बस का नीलामी  करे और अगर नीलामी को सफलता  ना मिले तो बसों को भंगार में बेचने के लिए अनुमती दे इस तरह का प्रस्ताव पेश किया गया था । लेकिन यह प्रस्ताव मंजूर ना करते हुए बसो को नीलामी में बेचने की  समिती सदस्यो ने अनुमती दी है ।

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