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पिछले 9 वर्षों में बेस्ट बस दुर्घटनाओं में 341 लोगों की मौत 

चालकों का सही रूप से काउंसिलिंग करने की सदस्यों की मांग 

संवाददाता 

मुंबई । बेस्ट बसों को मुंबईकरों की दूसरी लाइफ लाइन कही जाती है । इन्ही बेस्ट बसों की चपेट में आने से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है । पिछले 9 वर्षों में बेस्ट बस दुर्घटना में लगभग 341 लोगों की मौत हुई है । जबकि पिछले 6 दिनों में बेस्ट दुर्घटना में 4 लोगों की मौत हुई है । इन घटनाओं को रोकने  में बेस्ट प्रशासन के नाकाम होने का आरोप कांग्रेस के रविराजा ने हरकती के मुद्दे द्वारा लगाया है । इन घटनाओं को रोकने व चालकों पर नियंत्रण रखने के लिए उनपर गंभीरता से दक्षता विभाग द्वारा वॉच रखने के साथ ही काउंसलिंग करने की मांग सदस्यों द्वारा बेस्ट समिति की बैठक में की गयी । 

        गौरतलब है कि बेस्ट बसों से होनेवाली दुर्घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही । बेस्ट बस दुर्घटनाओं के संदर्भ में कांग्रेस के रविराजा द्वारा हरकती का मुद्दा बेस्ट समिति की बैठक में पेश किया गया । इस दौरान उन्होंने कहा कि बेस्ट बस चालकों द्वारा तेज रफ़्तार में बस चलाई जाती है, सिग्नल तोडा जाता है जिसका परिणाम इस तरह की दुर्घटनाएं हो रही है । पिछले छह दिनों में बेस्ट दुर्घटना में 4 लोगों की मौत हुयी है । जबकि वर्ष 2006 से वर्ष 2015 इन 9 वर्षों में 341 लोगों की मौत हुयी है । चालकों पर किसी का नियंत्रण ना होने से यह घटनाये होने का रविराजा ने स्पष्ट किया । बेस्ट प्रशासन द्वारा इस संदर्भ में गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए । इन घटनाओं से निपटने के लिए दक्षता विभाग द्वारा वॉच रखा जाना चाहिए । बस में कंडक्टर द्वारा महिलाओं के साथ गलत व्यवहार किया जाता है इससे इन घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी । इसके अलावा चालकों के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा रखा जाना चाहिए, रेस्ट रूम में उन्हें आवश्यक सुविधा नहीं मिलती, शौचालयों की भी स्थिति खराब है इस और भी बेस्ट प्रशासन द्वारा ध्यान देने की मांग रविराजा ने की । जिसका सर्वपक्षीय सदस्यों द्वारा समर्थन किया गया । सदस्यों द्वारा बेस्ट दुर्घटनाओं को रोकने के लिए व चालकों पर नियंत्रण रखने के लिए उनपर दक्षता पथक द्वारा वॉच रखने की मांग की साथ ही उनका मनोबल बढ़ाने के लिए काउंसलिंग किोया जाना चाहिए व उनके लिए बनी रेस्ट रूम में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करने की मांग की गयी । कई बार बेस्ट बस चालकों की गलती न होने के बावजूद उन्हें सस्पेंड किया जाता है । ऐसी स्थिति में घटना कैसे और क्यों हुई इसकी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही कार्रवाई किये जाने का सुहास सामंत ने कहा । साथ ही पिछले एक वर्ष में ऐसे कितनी दुर्घटनाएं हुई है , दोषियों पर क्या कार्रवाई की गयी है आदि की रिपोर्ट बेस्ट समिति में पेश करने की मांग सुनील गणाचार्य ने की । जिसपर बेस्ट महाव्यवस्थापक जगदीश पाटिल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में बेस्ट बस के दुर्घटनाओं के मामले में बढ़ोत्तरी हुई है । अनेक जगहों पर फुटपाथ पर अतिक्रमण होने से दुर्घटनाएं हो रही है । वर्ष 2006  - 2007  में दुर्घटनाओं में 42 लोगों की मौत हुई है जबकि पिछले वर्ष 22  लोगों की मौत हुई है । बेस्ट के दक्षता पथक द्वारा निरिक्षण किया जाता है । क्रॉस चेकिंग भी किये जाने का पाटिल ने स्पष्ट किया । काउंसलिंग किये जाने के बाद भी इस तरह की घटनाएं हो रही है । दुर्घटना के प्रमाण में कमी कर उसे शुन्य तक कैसे लाया जाए इस संदर्भ में प्रयत्न किया जाएगा । बस स्थानक व फुटपाथ पर हुए अतिक्रमण हटाने के लिए डेपो व्यवस्थापकों द्वारा प[उलिस व मनपा की मदद लिए जाने का निर्देश दिया । जिसके बाद बेस्ट समिति अध्यक्ष अरविंद दुधवडकर द्वारा इस मुद्दे को रखा गया । 

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