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नाला  सफाई घोटाला
न्यायालयात में पालिका की भुमिका  न रखने पर   ४ अधिकारीयोको नोटीस
मुंबई / मोहम्मद मुकीम शेख
मुंबई महानगरपालिका में नाला सफाई घोटाळा कि चर्चा हो रही है. नाला सफाई  के का  जाच किएजाने आदेश देकर भ्रष्ट ठेकेदारो को काली सुची  में़ डालने का आदेश दिया था. इस प्रकरणमें ठेकेदारोने उच्च न्यायालयामें जाकर काली सुची में न डाला जाए उसके लिए  
स्टे  प्राफ्त करने पर पालिका आयुक्त अजोय मेहता ने पालिकाके ४ अधिकारीयो को कारण   बताओ    नोटीस दिए जाने का आदेश दिया है.

गौरतलब है  कि मुंबई के  नाला सफाई करते समय किचढ निकालने में भ्रष्टाचार किए जाने का  आरोप सत्ताधारी भाजपा  और विरोधी  दलोने लगाया  था. नाला  सफाईमें  भ्रष्टाचार होनेका  आरोप होनेपर  पालिका आयुक्त अजोय मेहता नें इस प्रकरणकी जाच करने का आदेश  दिया था. जाच के बाद  पालिकाके १४ दोषी अधिकारीयोंको   निलंबित किया गया  है और  ठेकेदारो  को काली सुचीमे डालने का आदेश  आयुक्तने दिया था. नाला  सफाई  प्रकरणमें २३ भ्रष्ट  ठेकेदारो को  काली सुचीमें डालने का आदेश पालिका आयुक्तने दिया था  . पालिका  आयुक्तने  हमारी बात नही सुनी  और एकतरफा  निर्णय दियेजानेसे  ठेकेदारोने मुंबई उच्च न्यायालयमें  जाने पर न्यायालयनें ठेकेदारो को काली सुची में डालने के आयुक्तके निर्णयको स्टे दिया है.
नाला सफाईके  भ्रष्ट ठेकेदारोने   न्यायालयमें जाकर  स्टे लेनेपर मुंबई महानगरपालिका की  भुमिका रखनेमें  पालिकाके  विधी विभागके अधिकारी  कम पडे. न्यायालयमें  पालिका का पक्ष  ठीक तरह  भुमिका न रखने पर इस प्रकरणके दोषी ठहराकर उप कायदा अधिकारी अरुणा सावला, सहाय्यक कायदा अधिकारी विनोद महाडिक, मोनिटरिंग व रजिस्ट्रेशन विभागके  सहाय्यक अभियंता वैभव बोरकर व कार्यकारी अभियंता अनिल जाधव को  कारण बताओ  नोटीस देनेका  आदेश पालिका आयुक्त अजोय मेहता नें मनपा प्रशासनाला को दिया  है.

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