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मजदूरी, उत्पादन और विपणन में सुधार हमारी प्राथमिकता है-विनय कुमार सक्सेना
संवाददाता / मुंबई
मुंबई। खादी ग्रामोद्योग को बढ़ाना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए खादी ग्रामोद्योग में काम करनेवालों की मजदूरी बढ़ाना, उत्पादन को दुगुना करना और विपणन में सुधार करना हमारी प्राथमिकता है। यह बात खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने पिछले दिनो फोर्ट स्थित खादी भवन में भारत की साड़िया विशेष प्रदर्शनी सह बिक्री के  उद्धाटन के  अवसर पर कही।
     विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि खादी अपनाने से मेक इन इंडिया अभियान पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पडेगा और साथ ही ग्रामीण उत्पादकता और ग्रामोद्योगी गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। लोग खादी उत्पादकों को केवल आयोग से मान्यता प्राप्त भवनों से ही खरीदें ताकि हमारे बुनकरों आदि को आर्थिक सहयोग मिल सके। ग्रामोद्योगो को प्रोत्साहित करना, ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देना और ग्रामीण समुदायों की आजीविका अर्जन को सुरक्षा प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है। इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए जीवन के प्रत्येक पहलू में खादी वस्त्र को लोकप्रिय बनाना सबसे कारगर उपाय है। खादी में आधुनिक समाज की बदलती जरूरतों के अनुसार बदलाव आए हैं।
   उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग देश की आत्मा है और भारत का दिल है। इसके बावजूद इस उद्योग से जुड़े कारीगर और मजदूर ज्यादातर गरीब है और देश के सुदूर क्षेत्रों में रहते हैं जहां बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है। यह प्रदर्शनी मंगलवार१० नवंबर तक चलाई गयी। इस प्रदर्शनी में देशभर की विशिष्ट साड़ियां जैसे की बंगाल की बालूचरी और काथा साड़ियां, गुजरात की पटोला साड़ियां आदि उपलब्ध है। २ अक्टूबर को खादी उत्सव शुरू है और अब तक इस प्रदर्शनी में २.०१ करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। इस कार्यक्रम में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण कु मार झा एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी मोहित जैन, खादी और ग्रामोद्योग आयोग के  उपमुख्य कार्यकारी, केएस राव, वाई. के. बारामतिकर, एसके सिंहा, खादी और ग्रामोद्योग संघ ट्रस्ट के ट्रस्टी व सचिव हरीश शाह आदि गणमान्य उपस्थित थे।

विनय कुमार सक्सेना का परिचय
विनय कुमार सक्सेना ने २७ नवंबर २०१५ को नई दिल्ली में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण  किया। श्री सक्सेना एक उत्साही पर्यावरणविद्, एक प्रतिबद्ध जल संरक्षणवादी, एकीकृत विकास के  लिए एक मुखर पैरोकार, खेलो में गहन रुचि रखने वाले और एक योग्य प्राइवेट पायलट लाइसेंस धारक हैं। 
  खादी और ग्रामोद्योग आयोग का कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व सक्सेना खंभात, गुजरात की खाड़ी में एक बंदरगाह के विकास कार्य से जुड़े थे तथा वह धोलेरा पोर्ट लिमिटेड के निदेशक थे।

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