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 भिवंडी। एम हुसेन ।भिवंडी में खराब व खस्ताहाल सड़कों की मरम्मत करके डामरीकरण करने का काम मनपा द्वारा निजी ठेकेदारों को दिया गया है लेकिन सड़कों का डामरीकरण करने वाले ठेकेदारों द्वारा उसमें निकृष्ट दर्जे की गिट्टी एवं डामर आदि का उपयोग किया जा रहा है। जिसके पहली ही बरसात में उखड़ने से इंकार नहीं किया जा सकता है। जिसके लिए स्थानीय नागरिकों ने मनपा आयुक्त मनोहर हिरे से मांग किया है कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में ठेकेदारों द्वारा सड़कोंं की की जा रही डामरीकरण की राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त आईआईटी द्वारा जांच कराकर ही ठेकेदारों के बिल का भुगतान किया जाए।
    ज्ञात हो कि पूर्व कई वर्षों से भिवंडी शहर की लगभग सभी सड़कें खराब पड़ी है।  जिसकी मरम्मत करने के लिए  मनपा ने 15 करोड़ रूपये की मंजूरी दी है, जिसके लिए मनपा निर्माण विभाग ने निजी ठेकेदारों के माध्यम से शहर के पुराने ठाणे रोड,बंदर मोहल्ला,दरगाह रोड,शांतिनगर,गैबीनगर,कल्याणरोड,निजामपुरा,बंगालपुरा,समदनगर,कुंभारआली,ब्राह्मणाली एवं सौदागर मोहल्ला आदि क्षेत्रों में खराब व खस्ताहाल सड़कों का पैचवर्क करके डामरीकरण का काम कराया जा रहा है।निजी ठेकेदारों द्वारा सड़कों की रात में किए जा रहे डामरीकरण में निकृष्ट दर्जे की गिट्टी एवं डामर का उपयोग किया जा रहा है। सड़कों का डामरीकरण मनपा निर्माण विभाग के उपअभियंता,प्रभाग अधिकारी की उपस्थिति में किया जाना चाहिए लेकिन डामरीकरण के दौरान मनपा के  अधिकारी  के उपस्थित न होने के कारण डामर में काला तेल का उपयोग किया जा रहा है। डामरीकरण में निकृष्ट दर्जे की सामग्री का उपयोग करने के कारण सड़कों की हालत पहली ही बरसात में जस की तस हो जाएगी। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि डामरीकरण करने वाले निजी ठेकेदार  मनपा अधिकारियों की मलीभगत से बरसात के पहले अपना बिल निकालने की तैयारी में लगे हुए हैं। ठेकदारों को सड़क बनाने से ज्यादा उसके बिल के भुगतान की जल्दबाजी है। जिसके लिए स्थानीय नागरिकों ने मनपा आयुक्त मनोहर हिरे से सड़कों की, की जा रही डामरीकरण की आईआईटी द्वारा जांच कराकर ही ठेकेदारों के बिल का भुगतान करने की मांग की है।


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