Ads (728x90)

- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

 मुंबई, दि. 7 : छत्रपति शिवाजी महाराज का अरब सागर में प्रस्तावित स्मारक की उंचाई कम किए जाने के तथ्यों में कोई सच्चाई नहीं है। यह दुनिया का सबसे उंचा स्मारक होगा। यैसा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज विधानसभा में स्पष्ट किया।

छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक के संबंध में राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विधान परिषद और विधानसभा में निवेदन किया। उस पर विधानसभा में सदस्य पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा उपस्थित किए गए मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने उत्तर दिया।

मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने इस अवसर पर कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक का प्लान तैयार करने के लिए नियुक्त किए गए सलाहकार ने पुतले और चौतरे का अनुपात 60:40 सुनिश्चित किया था। लंबी उंचाई का पुतला सैकड़ो साल तक टिक सके, इसलिए पुतले का वजन संभालने के लिए मजबूत चौतरा होना चाहिए। इसके तहत सलाहकार द्वारा सुनिश्चित की गई अनुपात के अनुसार तैयार किए गए प्रारूप को मंजूरी दी गई।

राजस्व मंत्री श्री पाटिल ने अपने निवेदन में जानकारी दी कि स्मारक के काम के लिए तीन समितियों की स्थापना की गई है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कोर कमेटी, विधान परिषद सदस्य विनायक मेटे की अध्यक्षता में शिवस्मारक प्रकल्प अंमलबजावणी, देखरेख व समन्वय समिति, लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में तकनीक समिति की नियुक्ति की गई है। पुतले और चौतरे के अनुपात 60 और 40 होगा। पुतले की उंचाई 210 मीटर होगी। उसमें पुतले और भरनी के साथ चौतरे की उंचाई क्रमशः 121.2 मीटर और 88.8 मीटर परियोजना प्रबंधन सलाहकार समिति  ने सभी तकनीक पहलुओं की जांच कर प्रस्ताव दिया था। उसे उच्चस्तरीय कोर कमेटी ने अनुमोदित किया। इसके तहत विस्तृत नक्शे और डिजाइन को तैयार करके विश्वस्तर पर खुली निविदा मंगाई गई और 210 मीटर उंचे पुतले की परियोजना के लिए ठेकेदार को 'स्वीकृति पत्र' (letter of acceptance- LOA) दिया गया है।

विश्वस्तर पर भी पुतले की उंचाई चौतरे के साथ गिनी जाती है। जिसके चलते छत्रपति शिवाजी महाराज का अरब सागर में बननेवाला स्मारक दुनिया का सबसे उंचा स्मारक होगा। यैसा निवेदन में उन्होंने स्पष्ट किया।

Post a Comment

Blogger