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कन्नौज,हिन्दुस्तान की आवाज़,अनुराग चौहान

कन्नौज। भीषण सर्दी में बदलते मौसम के मिजाज के साथ आलू और दलहनी फसलों पर खतरे की लकीरे उभरने लगी है। बिगत तीन दिन से अधिकतम तापमान 24 डिग्री तक पहुचने से आलू और गेंहू की फसल को जबरदस्त नुकसान पहुच रहा है आलू की पछैती फसल पर झुलसा रोग लगने लगा है।

इस संबन्ध में विशेशज्ञों की सलाह को माना जाये तो इससे दोनों फसलों की पैदावार प्रभावित हो सकती है। दलहनी और सरसों की फसलें पाला के प्रकोप से अभी बची हुई है लेकिन आलू में रोग का प्रकोप बढ गया है पिछले कुछ दिनों से अनवरत रूप से कोहरे के वातावरण के चलते तापमान में भारी गिरावट आयी है पिछले तीन दिन में अचानक अधिकतम तापमान ने हुई बढोत्तरी को देखते हुए कुषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने किसानों से सतर्क बने रहने की सलाह दी है उनका कहना है कि अचानक बढे तापमान से गेंहू की फसल को भी नुकसान पहुंच सकता है। इस संबन्ध में जिला कुषि अधिकारी अभिनन्दन सिंह ने बताया कि बदली और कोहरे की बजह से फसलों में फंगस का इनफैक्शन हो जाता है जिससे झुलसा रोग लग जाता है। उन्होने बताया कि झुलसा रोग से बचाव के लिए जैसे ही बादल छायें तुरन्त दवाओं का छिडकाव करें क्योंकि अगर एक बार इसका प्रकोप हो गया तो बचाव करना बहुत मुश्किल हो जाता है। जिला कुषि अधिकारी ने किसानों से अपील की है कि जिन्होने अभी तक आलू की फसल में फफूंद नासक दवा का छिडकाव नहीं किया है या जिन किसानों की आलू की फसल में झुलसा रोग के लक्ष्ण अभी नहीं दिखें है वे सभी दवा का छिडकाव करें जिससे फसल को सुरक्षित बनाये रखा जा सके।

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