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बाघराय : क्षेत्र में बीते एक माह से आतंक का पर्याय बना तेंदुए अब नाम का रह गया है। क्योंकि बीते एक सप्ताह से महज अफवाह चल रही है कि तेंदुआ आया, तेंदुआ आया, लेकिन किसी को नजर नहीं आ रहा है, कुछ लोग को वनविलरा देख उसे तेंदुआ समझ शोर मचा रहे हैं तो कुछ रात के अंधेरे में खड़े सियार को भी तेंदुआ समझकर उसकी मौजूदगी दर्ज करा रहे है। ऐसे में सप्ताह बीतने को है लेकिन न तो वन विभाग को तेंदुआ दिखाई दे रहा है और न ही उसके निशान। ऐसे में वन विभाग की अब गांवों में घूम-घूमकर लोगों को जागरूक कर रहे है। ग्रामीणों की मानें तो रविवार से तेंदुआ नहीं दिखाई दिया। ऐसे में वन विभाग टीम बाघराय क्षेत्र के देवरीहरदोपट्टी, मेधार, त्रिलोकपुर, भाव, रोर, मलावा, बदली का पुरवा, महराज पुर, बूढ़ेपुर, समेत गांवों में घूम-घूमकर लोगों को जागरूक किया। और ग्रामीणों को शाम सुबह सर्तक रहने की हिदायत दी गई। भ्रमण के दौरान रेंजर शिव शंकर ¨सह, डिप्टी रेंजर सियाराम पांडेय, अजय श्रीवास्तव, वन दरोगा नाथूराम, भानु प्रताप ¨सह, वन रक्षक एसएस ¨सह, अब्दुल वहीद, राजेंद्र कुमार, वंश राज, लालजी मिश्रा, राजेंद्र कुमार, गुलाब ¨सह, प्रताप ¨सह समेत वन कर्मी मौजूद रहे।

गांव में बरकार है तेंदुए की दहशत

बाघराय : क्षेत्र के देवरी हरदोपटटी गांव के घने जंगल में सोमवार को भी तेंदुए के होने की दहशत से लोग परेशान हैं। ग्रामीणों को भय है कि तेंदुआ जंगल में बनी बड़ी-बड़ी मादों में छिपा हो सकता है। उधर वन विभाग जंगल में चप्पा-चप्पा छान मारा, लेकिन तेंदुए का पता नहीं चला। यही नहीं उन मादों को नष्ट भी करा दिया गया, जिसमें तेंदुआ छिप सकता था। वन रक्षक, महरानीदीन व भैयाराम की तैनाती यहां के जंगल के रखवारी के लिए लगी है। किन्तु काफी प्रयास के बाद भी तेंदुआ नही मिल सका है। खौफ बरकरार है।
रबी सिंह की रिपोर्ट

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