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नागपुर, दि. 21: संयुक्त पुनर्विकास के लिए मंजूर की गई मुंबई की समतानगर (कांदिवली प.) स्थित सोसाइटी मामले की उच्चस्तरीय जांच शिकायत निवारण समिति (एपेक्स ग्रीवंसेस कमिटी) के माध्यम से कराई जाएगी। यह जानकारी आज गृहनिर्माण राज्यमंत्री रविंद्र वायकर ने विधान परिषद में दी।

विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे द्वारा प्रस्तुत की गई ध्यानाकर्षण सूचना का उत्तर देते हुए श्री वायकर ने यह जानकारी दी। श्री वायकर ने कहा कि कांदिवली पश्चिम के समतानगर स्थित सीटी सर्वे क्र. 834 ते 840 के क्षेत्र पर म्हाडा की 165 इमारतें विभिन्न समूहों द्वारा बनाई गई हैं। इन इमारतों के रहवासियों की कुल 80 सहकारी गृहनिर्माण संस्थाओं की स्थापना की गई है। इनमें से कुछ सहकारी संस्थाओं ने पुनर्विकास के लिए म्हाडा को समय-समय पर प्रस्ताव दिया था। इसके तहत 47 संस्थाओं ने एकसाथ आकर समतानगर सहकारी गृहनिर्माण संस्था यूनियन की स्थापना की और भवन निर्माता ट्रुली डेवलपर्स के साथ पुनर्विकास का करार किया। हालांकि पाया गया कि बिल्डर ने कुछ अवैधनिर्माण किया गया है, जिसके चलते काम के लिए एस.डी. कार्पोरेशन को नियुक्त कर दिया गया था।

राज्यमंत्री श्री वायकर ने कहा कि पुनर्विकास के लिए मूल 47 बजाए 63 संस्थांओं ने एस.डी.कार्पोरेशन की नियुक्ति पर सहमति जताई , जिसके कारण म्हाडा की ओर से पुनर्विकास के लिए एनओसी देने की कार्यवाही की गई। मौजूदा समय में कुल 80 सहकारी गृहनिर्माण संस्थाओं में से 63 संस्थाओं की जांच की गई है। इन 63 में से 2 संस्थाएं बाहर हो गई और 3 संस्थाएं शामिल हुई। इस हिसाब से 64 संस्थाओं के पुनर्विकास को मान्यता दी गई है। जरूरत पड़ने पर फिर से 64 संस्थाओं और शेष 16 संस्थाओं की जांच की जाएगी।

इस ध्यानाकर्षण सूचना की चर्चा में सदस्य प्रवीण दरेकर ने भाग लिया। 

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