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नागपुर, दि. 21 : नागपुर जिला परिषद के शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) के कार्यालय से शिक्षक भर्ती और अनुदान की मंजूरी में हुई अनियमितताओं के संबंध में क्या भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के पास जाया जा सकता है? या प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराई जा सकती है? इस बारे में नागपुर जिले के सभी विधानमंडल सदस्यों की बैठक बुलाकर निर्णय लिया जाएगा। यह जानकारी शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने आज विधान परिषदेत में दी।

सदस्य श्री नागोरा गाणार ने ध्यानाकषर्ण सूचना के तहत यह मुद्दा उपस्थित किया था। शिक्षा मंत्री श्री तावड़े ने कहा कि नागपुर जिला परिषद शिक्षा (प्राथमिक) कार्यालय ने अतिरिक्त शिक्षक और कर्मचारी होते हुए भी 2 मई 2012 के बाद विशेष पड़ताल के कारण शिक्षक भर्ती पर प्रतिबंध होने के बावजूद अनियमित तरीके से व्यक्तिगत मंजूरी देने के मामले में संबंधितों को उचित अवसर देकर उनकी पक्ष सुनवाई के दौरान सुनने का निर्देश राज्य सरकार की ओर से दिया गया था। राज्य सरकार द्वारा 23 अगस्त 2017 को जारी किए संशोधित शासनादेश के तहत 88 अनियमित मामलों की सुनवाई करने का निर्देश शिक्षा निदेशक, नागपुर को दिया था। इसके तहत कार्यवाही शुरू है।

गैर-अनुदानित पदों पर मान्यता नहीं थी, बावजूद इसके सहायक शिक्षक पद पर अनुमोदन देने के मामले में दी गई मंजूरी को रद्द कर दिया गया है। इस मान्यता को रद्द करने के आदेश के खिलाफ मा. उच्च न्यायालय के निर्णयानुसार 23 अगस्त 2017 को जारी किए गए सरकारी फैसले के तहत कार्यवाही जारी है।

20% सब्सिडी के लिए पात्र शिक्षकों को नियमानुसार अनुदान मिलना चाहिए। हालांकि 20% के एवज में पात्र न होते हुए भी 100% सब्सिडी लेने के मामले में उचित निर्णय लिया जाएगा। शिक्षा मंत्री श्री तावड़े ने आश्वासन दिया कि अनियमितताओं में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस ध्यानाकर्षण सूचना की चर्चा में श्री भाई गिरकर, विक्रम काले ने भाग लिया।

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