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नागपुर, दि. 21: विद्यार्थियों के बैंक खाते में छात्रवृत्ति की राशि जमा करने से बेहतर है कि शिक्षा शुल्क सीधे महाविद्यालय को खाता में जमा हो सके, इसलिए नई कंप्युटराइज्ड प्रणाली (सॉफ्टवेयर) तैयार किया जाएगा। यह जानकारी उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने आज विधान परिषद में दी।

सदस्य डॉ. सुधीर तांबे द्वारा प्रस्तुत की गई ध्यानाकर्षण सूचना पर उत्तर देते हुए श्री. तावड़े ने कहा कि इससे पहले कई बार छात्रवृत्ति के मामलों में अनियमितता होती थी। कुछ मामलों में छात्रवृत्ति के लिए एक ही विद्यार्थी को एक से अधिक कॉलेजों में पढ़ना दिखाया जाता था, जिसके कारण राज्य सरकार ने विद्यार्थियों के बैंक खाते आधार कार्ड से जोड़ने का निर्णय लिया। छात्रवृत्ति की राशि सीधे विद्यार्थियों के खाते में जमा करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि शिक्षा संस्थानों की आर्थिक स्थिती पर परिणाम न हो, इसलिए विद्यार्थियों द्वारा छात्रवृत्ति की राशि बतौर शिक्षा शुल्क कॉलेजों के खाते में जमा करना जरूरी है। इसके लिए साफ्टवेयर विकसित किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री श्री तावड़े ने कहा कि इस शैक्षणिक वर्ष से छात्रवृत्ति आॅफलाइन भरने की मांग शिक्षा संस्थानों और विद्यार्थियों ने की है। इसके लिए सामाजिक न्याय विभाग की तरह आॅफलाइन पद्धति से छात्रवृत्ति वितरण के लिए वित्त विभाग की अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।

इस ध्यानाकर्षण सूचना की चर्चा में सदस्य  जोगेंद्र कवाडे, हरिसिंग राठौड़, निरंजन डावखरे शामिल थे।

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