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मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी 

मीरजापुर। जिले के मड़िहान, अहरौरा और चुनार कोतवाली क्षेत्र के बार्डर पर स्थित जंगल में शनिवार की रात गोली चलने की घटना से इलाकाई लोग सिहर उठे हैं। लोग कह रहे हैं कि कहीं यह नक्सलियों की आहट तो नहीं है। क्योंकि एक दशक पहले तक यह इलाका नक्सली घटनाओं को लेकर सुर्खियों में रहा है। मड़िहान कोतवाली के ही राजगढ़ चैकी क्षेत्र में जहां गोली चली है, उसी क्षेत्र के भवानीपुर में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में मारे गए 15 से अधिक लोगों की घटना हो चुकी है। यही नहीं इसी जंगल से सटे खोरडीह गांव में स्थित पीएसी के कैम्प पर दिनदहाड़े हमला करके नक्सली 14 राइफल लूट ले गए थे। यह वही जंगल है जहां पशु तस्करों ने दो पुलिसकर्मियों की सिर कूचकर हत्या कर दी थी। पिछले एक दशक से पुलिस की सख्ती से इलाके में अमन लौटा है। नक्सली घटनाएं थमी हैं। ऐसे में जंगल में गोलियों की तड़तड़ाहट कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है। वह इसे सामान्य घटना सिर्फ घटना मान रही है। लोगों का भी कहना है कि यह
सिर्फ घटना ही हो क्योंकि नक्सली घटना से उनका चैन हराम हो जाएगा।
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