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मुंबई । संवाददाता -

मुंबई, ‘मेट्रो’ के कार्य के लिए पालिका की अनुमति लिए जाने वाले शर्त को हटाए जाने वाले प्रस्ताव को महापालिका प्रशासन द्वारा सुधार समिती के सामने लाया था. इसपर सुधार समिती अध्यक्ष बाळा नर ने कहा कि विकास का कार्य करते समय अनेक प्रकल्प के लिए पालिका की अनुमति लिया जाना अनिवार्य किया जाए इस मांग का प्रस्ताव किया है. इस बीच पालिका प्रशासन ने इस तरह की अनिवार्य वाली अनुमति को हटाकर अनुमति लेना आवश्यक नही है इस तरह का प्रस्ताव पेश किया था. प्रशासन द्वारा लाये गए इस प्रस्ताव का विरोध करते हुवे इस प्रस्ताव को बहुमत से रद्द किया गया.

बता दे कि रेल्वे, जहाज सहित केंद्र सरकार द्वारा बनाये जाने वाले ‘मेट्रो’ को पालिका की अनुमति लिए बिना कार्य कर सके यह प्रस्ताव राज्य के नगरविकास विभाग की तरफ से पालिका के पास भेजा गया था. इस तरह का सुधार समिती में प्रशासन की तरफ से यह प्रस्ताव इसके पहले भी लाया गया था. उस समय भी शिवसेना ने इसका शुरू से ही जोरदार विरोध किया था. वही प्रस्ताव आज सुधार समिती में दुबारा रखे जाने पर शिवसेना के बड़ी भूमिका के बाद बहुमत से रद्द किया गया.
सुधार समिती अध्यक्ष अनंत (बाळा) नर ने चेतावनी देते हुए कहा कि
‘मेट्रो’ के कार्यों से मुंबईकरो को तरह तरह की परेशानी से मुकाबला करना पड़ रहा है. ‘मेट्रो’ के कार्यों के कारण पुरानी पाइपलाइन टूट रही है. इसका नुकसान पालिका को उठाना पड़ रहा है. और रास्तो की अवस्था खराब हुई है यातायात बाधित हो रहा है. दिन रात सुरू रहने वाले कार्यो की जोरदार आवाज की पीड़ा मुंबई करो को सहन करना पड़ रहा है. मुंबईकरो के जिंदगी से सीधे संबंध में आने वाली ‘मेट्रो’ के लिए पालिका की अनुमति अनिवार्य ही होगी. अन्यथा ‘मेट्रो’ की मनमानी औऱ बढ़ेगी. और शिवसेना मुंबईकरो के हित के लिए ‘मेट्रो’ कि मनमानी नही सहेगी.

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