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हडस हाईस्कूल के अमृत महोत्सव का शानदार उद्घाटन

नागपुर ; दि. 18 : हडस हाईस्कूल नागपुर का वैभव है । आधुनिक तकनीकी ज्ञान के अनुरूप युवा शक्ति का निर्माण करने के लिए शिक्षा पद्धति में परिवर्तन करने का आवाहन स्वीकार करने की आवश्यकता है , ऐसा मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा ।

लिबरल एज्युकेशन सोसायटी के हडस हाईस्कूल व जूनियर काॅलेज के अमृत महोत्सव का उद्घाटन आज मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के हाथों संपन्न हुआ । इसी अवसर पर मुख्यमंत्री बोल रहे थे । कार्यक्रम के अध्यक्ष  केंद्रीय भूतल परिवहन व जल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी थे तथा प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्मभूषण डाॅ अनिल काकोडकर , पालक मंत्री चंद्रशेखर बाबनकुले मुख्य अतिथि थे । लिबरल एज्युकेशन सोसायटी के अध्यक्ष पी वी खांदेकर , सचिव डाॅ ए पी जोशी , वी बी सपले , के बी जोशी , मुख्याध्यापिका श्रीमती सविता कुंडले आदि व्यास पीठ पर उपस्थित थे ।

मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि इस विद्यालय ने अनेक यशस्वी विद्यार्थियों का निर्माण किया है । आज बड़ी तेजी से तकनीकी ज्ञान में बदलाव हो रहा है । इस बदलाव के अनुसार शिक्षा पद्धति को स्वीकार करने की आज आवश्यकता है । आज डिजिटल युग है । अब तक राज्य में खासकर जिला परिषदों के 62 हजार विद्यालय डिजिटली जुड़ चुके हैं । पिछले तीन सालों में शिक्षा क्षेत्र में की गई व्यवस्था के चलते महाराष्ट्र ने 18 वें स्थान से आगे बढ़कर तीसरा स्थान बना लिया है ।

विकास में शिक्षा का बहुत अधिक योगदान होता है । यही कारण है कि नागपुर में अंतर्राष्ट्रीय संस्था शुरू हुई है । यहाँ टी सी एस का बड़ा केंद्र स्थापित होने जा रहा है । ऐरोस्पेस पार्क भी शुरू होने जा रहा है । इन सब बदलावों का लाभ लेने के लिए शिक्षा पद्धति में बदलाव करने की जरूरत है । उन्होंने आश्वासन दिया कि हडस संस्था की ओर से निर्माण की जा रही सौर ऊर्जा परियोजना में सरकार पूरा सहयोग करेगी ।

केंद्रीय भूतल परिवहन व जल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि इस शैक्षणिक संस्थान की स्थापना व्यावसायिक दृष्टिकोण से न होकर त्याग और श्रेष्ठ शिक्षा देने के भाव से हुई है । आज प्रतियोगिता का युग है । यहाँ वही टिक पाएगा जो समय की माँग के अनुरूप स्वयं को बदल सकेगा । नागपुर में 38 इंजीनियरिंग काॅलेज हैं । यहाँ 450 करोड़ रुपये की लागत वाले सिम्बाॅसिस इन्स्टीट्यूट का काम चल रहा है । यहाँ अनेक बड़े उद्योग हैं । इनको कुशल मनुष्य बल

उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से शिक्षा संस्थानों को ऐसे विद्यार्थियों को तैयार करना चाहिए ।

प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. अनिल काकोडकर ने कहा कि

शैक्षणिक संस्थानों के विकास के लिए पोषक वातावरण का होना जरूरी है साथ ही तकनीकी ज्ञान व मूलभूत सुविधाओं का होना भी जरूरी है । पूर्ण क्षमतावान विद्यार्थियों का निर्माण करने के लिए नये तकनीकी ज्ञान को स्वीकार करना होगा तथा यह भी देखना होगा कि शिक्षा बदलते संदर्भों के अनुरूप हो ।
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