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पुणे , दि. 5 : सौर ऊर्जा के निर्माण तथा उसके उपयोग में महाराष्ट्र अग्रणी रहे, इसके लिए सरकार अधिक से अधिक आर्थिक व्यवस्था करे, ऐसी अपेक्षा राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने व्यक्त की।
पुणे स्थित राजभवन परिसर में एक मेगा वाट क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन राज्यपाल सी . विद्यासागर राव की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के हाथों संपन्न हुआ । इस अवसर पर राज्यपाल बोल रहे थे । इस अवसर पर पालक मंत्री गिरीश बापट, ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, सामाजिक न्याय राज्यमंत्री दिलीप कांबले, महापौर मुक्ता तिलक, सांसद अनिल शिरोले, संजय काकड़े, अमर साबले, मेडा के महासंचालक राजाराम माने, राज्यपाल के सचिव वेणुगोपाल रेड्डी, विभागीय आयुक्त चंद्रकांत दलवी, जिलाधिकारी सौरभ राव, पुलिस आयुक्त रश्मि शुक्ला आदि उपस्थित थे।

राजभवन के इतिहास में आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है । कारण कि आज महाराष्ट्र के सभी राजभवनों में सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन हो रहा है । ऐसा कहते हुए राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने सौर ऊर्जा निर्माण के क्षेत्र में नयी नयी योजनाओं को शुरू किया है। राष्ट्रीय सोलर मिशन के अंतर्गत 2022 तक 1 लाख मेगावाट सौर ऊर्जा निर्माण करने का लक्ष्य है। देश में लोगों की तथा औद्योगीकरण के कारण बढ़ती माँग के कारण सौर ऊर्जा निर्माण पर अधिक ध्यान देना होगा । सौर ऊर्जा आज अनिवार्य पर्याय है ।

हमारे देश में सौर ऊर्जा निर्माण की बहुत संभावनाएँ हैं । देश के प्रत्येक भाग में वर्ष भर में 250 से 300 दिन स्वच्छ सूर्य प्रकाश रहता है । इसके चलते वांछित ऊर्जा का निर्माण किया जा सकता है । इसके लिए सौर ऊर्जा निर्माण के लिए आवश्यक यंत्रों में संशोधन की आवश्यकता है जिससे लागत कम की जा सके।

बिजली निर्माण के साथ साथ बचत करना भी उद्देश्य - मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने राजभवन को सामान्य जनता के लिए खोल कर इसे लोकभवन का रूप दे दिया । अपारंपरिक ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए राज्य के तीनों ही राजभवनों में सौर ऊर्जा निर्माण परियोजना शुरू की जा रही है । उन्होंने कहा कि ऊर्जा निर्माण के साथ साथ बिजली बचत करना भी मुख्य उद्देश्य है । इस प्रकार एक हजार मेगावाट बिजली की बचत की जा सकती है । राज्य में बिजली बचत करने के उद्देश्य से 8 करोड़ एल ई डी बल्व लगाये गये हैं । कृषि फीडरों को भी सौर ऊर्जा से जोड़ा जा रहा है । रालेगणसिद्धि से इसकी शुरूआत हो चुकी है ।

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