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मुंबई, दि. 16 : सरकार की विभिन्न योजनाओं को सर्व साधारण जनता तक पहुँचाने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क महासंचालनालय द्वारा विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल किया जाता है । इस प्रकार जनहित के निर्णयों तथा योजनाओं को साधारण जनता तक पहुँचाना किसी भी तरह से प्रचार करना नहीं है । सोशल मीडिया पर होने वाली टिप्पणियों से इसका कोई संबंध बताना गलत है । यह महासंचालनालय की नियमित सरकारी प्रक्रिया है । प्रचार माध्यमों द्वारा जनजागृति करने, जनता तक योजनाओं की जानकारी पहुँचाने हेतू व्यावसायिक संस्थाओं की सहायता लेने के लिए नियुक्त की गयी पुरानी सूची की मुद्दत समाप्त हो जाने पर नयी व्यावसायिक संस्थाओं की सूची तैयार की गई है । यद्यपि अभी तक नयी सूची में शामिल किसी भी संस्था को कोई काम नहीं दिया गया है । सरकार की योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए 300 करोड़ रुपये की राशि खर्च किये जाने की मिथ्या बात का खंडन करते हुए सूचना व जनसंपर्क महासंचालनालय के सचिव तथा महानिदेशक ब्रिजेश सिंह यह स्पष्टीकरण दिया है ।

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय और राज्य सरकार की नीति के तहत यह काम अब सूचना एवं जनसंपर्क महासंचालनालय के मार्फत केंद्रीयकृत पद्धति के तहत किया जाता है । सरकार की योजनाओं और निर्णयों की जानकारी सामान्य जनता तक पहुँचाने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क महासंचालनालय बहुत सोच समझकर योग्य और प्रभावी माध्यम का चयन गहन अध्ययन के बाद करता है ।

इसके पूर्व इस काम के लिए दस संस्थाओं का चयन किया गया था । आवश्यकता के अनुसार समय समय पर उनसे निविदा और रेट लिस्ट मंगवाकर क्रियेटिव्स तैयार करने का काम दिया जाता था । संस्थाओं की उस सूची की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद अब नयी सूची तैयार की गई है । प्रसार माध्यमों में आये परिवर्तनों को ध्यान में रखकर यह सूची तैयार की गई है । अभी तक इनमें से किसी भी संस्था को कोई काम नहीं दिया गया है ।

सरकारी विभाग, मंडल और महामडलों की योजनाओं के प्रचार-प्रसार का काम सरकार ने सूचना एवं जनसंपर्क महासंचालनालय को सोंपा है। महासंचालनालय ने पूरी पारदर्शिता रखते हुए निविदा मंगवाकर व्यावसायिक कौशल्य और अनुभव वाली संस्थाओं का चयन किया है यह महासंचालनालय की नियमित प्रक्रिया है । इस चयन सूची में सूचनाओं का प्रसार करने के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन, द्रकश्राव्य विज्ञापन तथा रेडियो विज्ञापन आदि विविध कामों को ध्यान में रखते हुए संस्थाओं का चयन किया गया है । इस बात को सोशल मीडिया से जोड़ना भ्रामक प्रचार है ।

सूचना एवं जनसंपर्क महासंचालनालय का वार्षिक बजट केवल 50 करोड़ का है । इसे 300 करोड़ प्रचारित करना गलत है और भ्रामक है । ऐसा भी श्री. सिंह ने कहा है ।

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