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पीडित परिवार जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देने जाते

-दबंगों ने ग्रामीण व उसके परिवारीजनो  को पीटकर दी जान से मारने की धमकी

कन्नौज,हिन्दुस्तान की आवाज़,अनुराग चौहान

कन्नौज। दबंगों ने गाली गलौज से मना करने पर दरवाजे पर बैठे ग्रामीण को लाठी-डंडों से पीट दिया और जान से मारने की नियत से गला दबाया। किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर भागा और 100 डायल पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मामले की सुबह शिकायत करने की बात कही और मोबाइल नंबर दिया।

बुधवार को जिलाधिकारी को दिए प्रार्थना पत्र में थाना छिबरामऊ के मेदेपुर ग्राम निवासी बसन्तलाल पुत्र स्व. मोहनलाल ने कहा कि 19 सितम्बर 17 को रात 8 बजे अपने घर के बाहर बैठा था। तभी गांव के लल्ला उर्फ संदीप, डोकर उर्फ सुधीर पुत्र अमर सिंह, सिन्टू सक्सेना पुत्र नेकसे डाक्टर, शिशुपाल पुत्र केदार सिंह शराब के नशे में आकर मां-बहन की गंदी-गंदी गांलियां देने लगे जब मैंने गांलिया देने से मना किया तभी सभी जात सूचक गालिया देते हुए जान से मार डालने की नियत से सबने मिलकर जमीन पर पटक दिया। चीख पुकार सुनकर मेरा भाई विद्याराम बचाने आया तो उक्त लोगों ने उसको भी गिराकर जान से मार डालने की नियत से लल्ला व डोकर ने गला दाव दिया। चीख पुकार सुनकर माता जी रामा देवी पत्नी विद्याराम बचाने आई तो उन सभी ने उनको भी मारा पीटा सभी चिल्ला रहे थे कि इन कोरियों को जान से मार देंगे। तभी अचानक अमर सिंह, समर सिंह पुत्र मलखान सिंह अपन हाथों में भाला व लाठी लिए दौड आए और बसन्तलाल घसीटते हुए अपन घर ले गये। तखत पर पटक कर लाठी डन्डों से पीटने लगे। मेरी मां पत्नी व बेटी शिवानी ने मुझे बचाने की कोशिश की तो सभी ने उन लोगों के साथ अभद्रता कर उनके कपडे फाड डाले। मेरा भाई विद्याराम किसी तरह छूटकर जान बचाकर गांव की तरफ भागा तथा गांव वालों से हम लोगों को बचाने की मिन्नते की लेकिन कोई भी गांव वाला इनकी गुण्डई दंबगई के कारण हिम्मत नहीं जुटा सका। तभी किसी ने 100 डायल पुलिस को सूचना दी तो पुलिस दल ने मेरे परिवार की महिलाओं को ही धमकाया हम लोगों ने रात में खेतों में छिपकर अपनी जान बचाई हम लोग थाना छिबरामऊ जा रहे थे, लेकिन उक्त सभी लोगों ने थाने जाने वाले रास्तो को घेर रखा था। पीडित किसी तरह अपने परिवारिकजनों को लेकर रात में पुलिस अधीक्षक आवास कन्नौज आया तथा मुझे रात में एक दीवान जी ने एक मोबाइल नम्बर दिया जिस पर मेरी बात हुई तो उन्होने कहा कि सुबह 9 बजे पुलिस अधीक्षक कार्यालय कलेक्ट्रेट परिसर मे आ जाना जिससे मैंने अपने परिवारिकजनों के साथ सडक पर रात बिताई है। सुबह गांव वालों के मेरे पास फोन आये कि उक्त सभी लोगों ने मेरे घरों में घुसकर लूट-पाट की है तथा सामान तोड फोड डाला है। लल्ला व डोकर हाथों में नाजायाज हथियार लिए घूम रहे कि अगर गांव में आये तो परिवार सहित सभी को जान से मार देंगे। मेरा छोटा भाई विद्याराम रात से ही गायब है उसको उक्त लोग खीचकर ले गये थे अभी तक उसका कुछ पता नहीं चला है कि उक्त लोगों ने उसको कहीं जान से न मार दिया हो। हम सभी लोग भयभीत है कि बिना सुरक्षा के अपने गांव नहीं जा सकते है। उक्त लोगों से मेरे भाई की बरामदगी कराकर मेरी रिपार्ट दर्ज कराकर मेरे परिवारीजनो का मेडिकल कराकर जानमाल की रक्षा की मांग की है।


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