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कलेक्टेªट परिसर में धरने पर बैठे राज्य कर्मचारी
- 18 सूत्रीय ज्ञापन उप जिलाधिकारी रामदास को सौंपा

कन्नौज,हिन्दुस्तान की आवाज़,अनुराग चौहान

कन्नौज। कर्मचारी की समस्याओं के निस्तारण हेतु किये जा रहे आन्दोलन के सम्बन्ध में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश ने बुधवार को बीआरसी में धरने के बाद मुख्यमंत्री से सम्बोधित ज्ञापन जिला अधिकारी को सौंपा।

डा0 मान सिंह प्रजापति ने दिए ज्ञापन में कहा कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रान्तीय पदाधिकारियों द्वारा कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर किये जाने का अनुरोध सरकार व शासन स्तर पर अनेकों बार किया गया। आप भिज्ञ है कि परिषद का रवैया सरकार के प्रति हमेशा सहयोगात्मक रहा है और हमेशा यही प्रयास करते रहे हैं कि समस्याओं का निराकरण वार्ता के माध्यम से ही किया जाये। परन्तु विगत कई माह व्यतीत होजाने के उपरान्त भी आप के स्तर पर परिषद के साथ एक भी औपचारिक बैठक नहीं होने के कारण संवादहीनता की स्थिति उत्पन्न हो गयी है और समस्याएं यथावत बनी हुयी है जिस पर कर्मचारियों में रोष व असंतोष व्याप्त होना स्वाभाविक है। विगत 30 जुलाई 17 को परिषद की प्रान्तीय कर्मचारियों की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार बुधवार 6 सितम्बर 17 को परिषद जनपद शाखा कन्नौज द्वारा एक दिवसीय धरने का आयोजन किया गया। जिससे जनपद के सैकडो कर्मचारियों ने सहभागिता क । धरन में सरकार द्वारा कर्मचारी समस्याओं पर वांछित ध्यान न देने तथा उसके निराकरण के लिये प्रभावी कार्यवाही न किये जाने के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों पर कर्मचारियों द्वारा रोष व्यक्त किया गया। सरकार द्वारा प्रदेश के विकास व अन्य कार्यो हेतु बडे पैमाने पर कार्य किया जा रहा है। परन्तु सरकार द्वारा बनाई गयी योजनाओं को फलीभूत करने वाले कर्मचारियों की जायज समस्याओं के निदान के लिये उनकी प्राथमिकताओं में कोई स्थान नहीं है। सरकार द्वारा उपेक्षा पूर्ण रवैया अपनाने से जनपद कन्नौज का हजारों कर्मचारी अपने आप को तिरस्कृत महसूस कर रहा है। सभा में सर्वसम्मित से यह भी निर्णय लिया गया कि 10 सितम्बर 17 को परिषद के हाईकमान द्वारा समीक्षा के उपरान्त जो भी अगले आन्दोलनात्मक कार्यक्रम की घोषणा की जायेगी जनपद शाख कन्नौज उसमें पूर्ण मनोयोग से सफल बनायेगा। परिषद का सदैव यही प्रयास रहा है कि सरकार का ध्यान कर्मचारी की समस्याओं की ओर आर्कषित कर निराकरण कराये जाये, हमारी मंशा कभी भी ऐसी कोई विषम परिस्थिति उत्पन्न करने की नहीं है, जिससे कर्मचारी को सडक पर उतरना पडे, परन्तु सरकार की समस्याओं के प्रति संबेदनहीनता हमें इस प्रकार के आन्दोलन करने पर विवष कर रही है। यह सभा आपसे मांग करती है कि कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण प्राथिमिकता के आधार पर करने हेतु परिषद के प्रान्तीय पदाधिकारियों के साथ सलग्न मांग पत्र यथा सीघ्र बैठक आहूत कर निराकरण करें। जिससे शासन व कर्मचारियों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न न हो। ऐसे संवर्ग जिसमें छठे वेतन आयोग की वेतन विसंगतियां अभी भी व्याप्त है, उन्हें दूर कर तदनुसार सातवे वेतन आयोग का लाभ प्रदान किया जाये। राज्य कर्मचारियों को केन्द्रीय की भांति समस्त भत्तों का सम्बन्धिता प्रदान की जाये। डिप्लोमा इंजीनियर की भांति समस्त राज्य कर्मियों को सप्तम वेतन मान के रू 4600 पूर्व ग्रेड पे के समतुल्य मैट्रिक्स लेबल का इग्नौर करते हुए रू 4800 पूर्व ग्रेड पे के समतुल्य मैट्रिक्स लेबल वेतन मान प्रदान किया जाये। प्रदेश में सीधी भर्ती की अधिकतम आयु 40 वर्ष के दृष्टिगत एसीपी में 8-16-24 वर्ष की सेवा पर तीन पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाये। उपार्जित अवकाश के संचय की तीन सौ दिन की सीलिंग समाप्त की जाये तथा सेवानिवृत्ति पर तीन सौ दिन के अवकाश को नगदी करण बढाकर 600 दिया जाये। नई पैशन योजना को समाप्त करते हुये पुरानी पैंशन बहाल की जाये। पदोन्नत्ति एमएसपी हेतु एसीआर में अति उत्तम की बाध्यता समाप्त की जाये। पविहन निगम के कर्मचारियों को लम्बित निम्नलिखित मांगों व समस्याओं का समाधान कराया जाये। छठे वेतनमानों की लम्बित वेतन बिसंगतियों का अबिलम्ब समाधान कराया जाये तथा राज्य कर्मचारियों की भांति सातवां वेतनमान 1 जनवरी 16 से अनुमन्य कर तत्काल लागू किया जाये। प्रदेश के नौ प्रतिशत राष्ट्रीयकृत मार्गो को बढाकर 25 प्रतिशत व निगम का बेडा 15000 हजार किया जाये और राष्ट्रीयकृत मार्गा पर हो रहे अवैध संचालन पर प्रभावी रोक लगायी जाये तथा निगम में गत दो वर्षो में निजी बसों के अन्ध-दुन्ध अनबन्ध की जांच करायी जाये। निजीकरण आउटसोर्सिंग एवं ठेकेदारी व्यवस्था पूर्णतय समाप्त करते हुये निम्न व्यवस्था लागू किया जाये। 50 वर्ष पूर्ण कर चुके कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्ति बंद किया जाये। उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों व सेवानिवृत्ति कर्मचारियों को उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के माध्यम से विक्रत वस्तुओं को जीएसटी से छूट प्रदान की जाये। प्रदेश में विनयमित किये गये क्रामकों की अर्हकारी सेवा को जोडते पुरानी पैंशन का लाभ प्रदान किया जाये। सभी वर्गों का पुर्नगठन किया जाये, जिसकी सेवा नियमावली प्रख्यापित नहीं है, उसके प्रख्यापित कराये जाये। प्रदेश कर्मचारियों को एलटीसी की सुविधा केन्द्र सरकार की भांति अनुमन्य की जाए। साथ ही दस दिन का अवकाश नकदीकरण प्रदान किया जाये। एक समान जकनीकी व शैक्षिक योग्यता पाने वाले संवर्गो को एक समान वेतन व भत्ते अनुमन्य किये जाये, चाहे वे किसी विभाग में कार्यरत हो। प्रदेश में कर्मचारियों को अदिवर्षिता आयु 62 वर्ष की जाये। जीपीएफ के रख-रखाव का कार्य महालेखाकार से वापस लेकर पास बुक प्रणाली को प्रत्येक उददेश्य के लिये अन्तिम अभिलेख घोषित किया जाये। मान्यता प्राप्त सेवा संगठनों के अध्यक्ष व महामंत्री को उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की जाये। तथा संगठनों के कार्य हेतु अनुमन्य विशेष अवकाश की सीमा में वृद्वि कर एक माह का विशेष अवकाश अनुमन्य किया जाये।
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