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देश की गंगा-जमुना की तहजीब को मरने नहीं देंगे हम
नई दिल्ली, पूरी दुनिया में सुलहकुल का देश कहलाने वाला भारत आज की मौजूदा सियासत की वजह से अपनी शिनाख्त खत्म करता जा रहा है, मुल्क के मुख्तलिफ मुक़ामात पर तमाम तरह के फ़साद क़त्ल और दीगर वजह से जो हालत पैदा हुए है, वोह चिंता का विषय है, मुल्क के हालत को लेकर  बुद्धजीवी लोग अपनी जानिब से अपना काम कर रहे है। इसी क्रम में नई दिल्ली के छतरपुर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें कई पूर्व केेंद्रीय मंत्री, पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, पूर्व हाकी खिलाड़ी, फिल्मी दुनिया से जुड़े लोग और पत्रकारों ने हिस्सा लिया। इसके साथ ही देश में अनेकता को एकता की मिसाल पेश करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गए ।
अन्तर्राष्ट्रीय उर्दू प्रेस क्लब आफ इन्डिया के महासचिव तारिक फैजी के निवास पर आयोजित इस संगोष्ठी में 1975 में हाकी वर्ल्ड कप  जीतने वाले एवं पूर्व केेंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने कहा कि आज देश को आजाद हुए सत्तर साल हो गए हैं। देश में सभी धर्म संप्रदाय के लोग रहते हैं। इस दौरान कई बार तथाकथित लोगों ने अपने फायदे के लिए लोगों धर्म जाति के नाम पर लड़ाने के काम किए, लेकिन देश की जनता ने अनेकता में एकता को क़ायम रखा है
संगोष्ठी में दुबई से आए चाइना पोटिवो कम्पनी के दुबई सी इ ओ एवं उर्दू प्रेस क्लब के प्रभारी शारिक बर्नी ने कहा कि जब-जब देश में धर्म जाति को लेकर विपत्तियां आई हैं। तब-तब सूफी समाज के लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से एक जुट किया है।
शिलॉग से आए डी आई जी वाजिद आली ने कहा कि नफरत के इस दौर में भी सूफिाना माहौल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने गंगा-जमुना की तहजीब को जिन्दा रखा।
पूर्व सचिव अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी कमाल अहमद ने कहा कि ये मुल्क महात्मा गाँधी का है, गाँधी जी कहा करते थे कि हिन्दू मुस्लिम उनकी दोनों आंखे है लेकिन आज के सियासी लीडर हिन्दू मुल्सिम इत्तिहाद को खतम करना चाहते है, मौजूदा वक़्त में अवाम को ये समझना चाहिए कि उस को किस पर यकीन करना है,
इज़हार प्रधान ने कहा कि मौजूदा वक़्त में सियासी लीडरों के बयान आ रहे है, उन बयानों पर पाबंदी लगनी चाहिए, लेकिन ये मुमकिन नहीं हो पा रहा है, जो ज़हर उगलते थे, आज वोह हुकूमत में है लेकिन हुकूमत में रहते हुए भी ज़हर उगलना बंद नहीं कर रहे है, सीनियर लीडर उनको रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पाते, ना ही उनके बयान की निंदा करते है,
संगोष्ठी में प्रेस क्लब की जानिब से शारिक बर्नी और सिंगर मुर्सलीन का खैरमकदम किया गया, इस मौके पर इन दोनों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए ,
मौजूद दानिश्वरों में इन्डियन नेवी के लेफ्टिनेन्ट जनरल खुर्शीद अख्तर बेग, फिल्मी फिस्टीवल आफ इन्डिया की सदस्य रेखा गुप्ता, प्रदेश के पूर्व सिचाई मंत्री मेराजुद्दीन और संगोष्ठ आए कई वरिष्ठ लोगों ने भी अपने विचार पेश किये ।
उर्दू प्रेस क्लब के महासचिव तारिक फैजी ने बाहर से आए अतिथियों को सम्मानित किया। संगोष्ठ के अन्त में गायक इमरान खान और मुर्सलीन ने अपनी गायकी से लोगों को सराबोर किया, इस मौके पर ख़ालिद नसीम सिद्दीक़ी ,नौशाद खत्री विशेष तौर पर मौजूद रहे,
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