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-सिक्का लेने से कतरा रहे है व्यापारी और बैंककर्मी

-हेमाद्रि फाउंडेशन ने वित्तमंत्री को भेजा पत्र, कार्रवाई की मांग


मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी

वाराणसी। भारतीय मुद्रा के अभिन्न अंग छोटे सिक्कों को लेकर पूर्वांचल के जनपदों में मचे किचकिच और अफवाहों का क्रम का थमने का नाम ले रहा है। प्रशासन के तमाम चेतावनी और कार्रवाई करने के निर्देश के बाद न तो इसका किसी पर कोई असर पर रहा है और ना ही इस दिशा में अभी तक कोई कार्रवाई हो पाई है। मजे कि बात है सब तो सब बैंकों ने भी अफवाहों के इस दौर में सिक्कें लेने से सीधे हाथ खड़े करते हुए लोगों को परेशानी में डाल दिया है। बैंको द्वारा छोटे सिक्के न लिए जाने से इन अफवाहों को जहां बल मिल रहा है वहीं आमजनमानस के साथ-साथ व्यापारी वर्ग खासा परेशान हो उठा है। ऐसे में वाराणसी की सामाजिक चेतना की संस्था हेमाद्रि फाउंडेशन वाराणसी ने अभिनव पहल करते हुए न केवल लोगों में उपजे अफवाहों पर विराम लगाने की दिशा में कार्य कर रही है बल्कि इस दिशा में देश के प्रधानमंत्री सहित वित्त मंत्री भारत सरकार को पत्र भेज कर छोटे सिक्कें के प्रचलन को लेकर उपजे माहौल से अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की है ताकि इन अफवाहों पर अधिकारिक रूप से विराम लगने के साथ लोगों को परेशानियों से उबारा जा सके। वित्तमंत्री भारत सरकार को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि देश में नोट बंदी के बाद सिक्कों की बाढ़ आ जाने से जहां मार्केट में काफी सिक्कें एकत्र हो गए वहीं एक सोची समझी साजिश के तहत इन सिक्कों के बारे में अफवाह फैलाकर इसे लेने से इंकार किया जाने लगा हालात यह हो गए कि बाजार क्या गांव, कस्बों में भी इन सिक्कों को कोई लेना नहीं चाह रहा है। भिखारी आदि ने भी इन्हें लेने से अपने हाथ को खड़ा कर दिया है। ऐसी दशा में छोटे दुकानदारों से लेकर आम जनों को तमाम प्रकार की परेशानियों से जूझना पड़ जा रहा है। छोटे सिक्कों के न लिए जाने से लोगों को रोजमर्रा के सामानों के लेनदेन से लेकर अन्य कार्यो में खासा परेशान होना पड़ जा रहा है। दूसरी ओर लेनदेन में सिक्कें हाथ में आने जाने पर किचकिच के साथ-साथ तू-तू, मैं-मैं भी होने लगती है। जिससे यह एक गंभीर समस्या बन कर उभरी है। छोटे सिक्कें न लेने की यह समस्या वाराणसी सहित मीरजापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, जौनपुर, बलिया, भदोही, चंदौली आदि जनपदों में आम हो गई है। मजे कि बात है कि कई लोग इस बात की शिकायत 100 नंबर पर डायल कर भी दे चुकेे है, लेकिन नतिजा वहीं ढाक के तीन पात वाला रहा है। कई जनपदों में वहां के जिला प्रशासन द्वारा व्यारियों और बैंक के लोगों की बैठक कर सिक्कों को लेनदेन में बनाये रखने की हिदायत भी दी जा चुकी है बावजूद इसके इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है और ना ही बैंक और व्यापारी सिक्कों को लेना चा रहा है। हेमाद्रि फाउंडेशन के सदस्यों ने पिछले दिनों वाराणसी के सेवापुरी विधान सभा क्षेत्र के कुछ गांवों में ग्रामीणांे और प्रबुद्व वर्ग के लोगों सहित व्यापारियों के बीच बैठक आयोजित कर इस समस्या से राहत पाने के साथ इन अफवाहों पर विराम लगाते हुए इन्हें लेनदेन में शामिल किए रखने की अपील करने के साथ लोगों को अफवाहों से आगाह भी किया था जहां किसान मंच के राजकुमार राजभर, धीरज जासवाल, देवेन्द्र प्रताप सिंह, ई. दीपक सिंह, डां. वंशराज पटेल, महिला मंच की निशा देवी, कैलाश यादव, यासीन अंसारी आदि कई प्रमुख जन मौजूद रहे। जिन्होंने एक स्वर में सिक्कों को लेकर उपजे विवाद पर लोगों को आगाह किया। इसी क्रम में संस्था के सदस्यों द्वारा एक अभिनव पहल करते हुए वाराणसी सहित पड़ोसी जनपद के समीपवर्ती इलाकों खासकर ग्रामीण इलाकों के बाजारों, गांवों आदि में जाकर समूह के रूप में लोगों इक्कठ्ा कर सिक्कों को लेकर उपजे भ्रम के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है ताकि लोग भ्रम से दूर रहकर सिक्कों को लेनदेन में शामिल रखे। ई. दीपक सिंह बताते है कि यदि सिक्कें लेनदेन से बाहर हो जायेगें तो बड़ी समस्या उत्पन्न हो जायेगी। लोगों को स्वयं एक रूपये का सामान दूगने दांमों पर लेने के लिए विवश होना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि एक सोची समझी साजिश के तहत ऐसा अफवाह फैलाया गया है ताकि इन सिक्कों को प्रचलन से दूर कर अपना उल्लू सीधा किया जा सके। संस्था सदस्यों ने रविवार को मीरजापुर के मझवां विकास खंड के कई गांवों में बैठक कर लोगों को सिक्कों के प्रचलन को लेकर उपजे भ्रम के बारे में विस्तार से समझाया तथा स्थानीय प्रशासन से मांग किया कि सिक्कें न लेने वालों के खिलाफ दण्नात्मक कार्रवाई करने के साथ ऐसे बैंकों के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए शासन से शिकायत की जाये जो सिक्कें लेने से इंकार कर रहे है।
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