अलवर, हिन्दुस्तान, की आवाज,चंद्रमोहन गुप्ता
अलवर के स्कीम न. 1 में आजकल बंदरों का आतंक एवं प्रकोप चरम सीमा पर है। प्रातःकाल बंदर पार्कों में आ जाते हैं, तो लोगों का घूमना दूभर हो जाता है। कैई बार तो लोगों पर हमला करके उन्हें घायल कर देते हैं। घरों में घुस कर खाने-पीने सामान फलों आदि को उठाकर ले जाते हैं। घरों के मुख्य द्वारों पर लगी बिजली की लाइटों को तोड़ जाते हैं। गमलों में लगे पोधों को उखाड़कर गमलों को तोड़ जाते हैं। घरों के आगे लगे पेड़ो पर चढ़ कर उन्हें तोड़ जाते हैं।नगरपरिषद के अधिकारी जनता को परेशान होते देख मूकदर्शक बने देख रहे हैं , जनता पूर्वचेयरमैन अजय अग्रवाल को याद कर रही हैं ,जिन्होंने बंदरों को पकड़वाकर जनता को इस समस्या से निजात दिलाई थी। यहाँ की सड़कें भी जर-जर हुई अपनी बदहाली पर आँसू बहा रही हैं।
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