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मुंबई विद्यापीठ के परीक्षा का परिणाम घोषित करने को लेकर हुई लेटलतीफी पर छात्रों ने दायर की याचिका पर गुरुवार को मुंबई उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई में मुंबई विद्यापीठ ने 31 अगस्त 2017 तक मुंबई विद्यापीठ का परीक्षा का परिणाम घोषित करने की जानकारी दी हैं। इससे अब मुंबई विद्यापीठ ने परीक्षा परिणाम की तिसरी डेडलाईन दी हैं।

मुंबई उच्च न्यायालय में ए व्ही मोहता और भारती डांगरे की खंडपीठ के समक्ष हुई सुनवाई में मुंबई विद्यापीठ ने 31 अगस्त 2017 तक मुंबई विद्यापीठ के परिणाम घोषित करने की जानकारी मुंबई विद्यापीठ के वकील रुई रोड्रिग्स ने दी हैं। इसमें विधी, विज्ञान और कला शाखा की परीक्षाओं का शुमार हैं। याचिकाकर्ता सचिन पवार और अभिषेक भट की ओर से वरिष्ठ वकील सतिश तलेकर ने जिरह की

मुंबई विद्यापीठ की लापरवाही के ख़िलाफ़ सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया और अनिल गलगली ने पत्रकार परिषद ली। अंजली दमानिया ने कहा कि पूरी प्रक्रिया की जांच होना चाहिए और जी भी जिम्मेदार हैंम उनपर कारवाई की जरुरत हैं। यह प्रक्रिया गलत और बोगस थी। अनिल गलगली ने कहा कि सूचना का अधिकार के तहत मई 2017 में गत वर्ष देरी से घोषित परीक्षा परिणामों की जानकारी सामने लाई गई और राज्यपाल के साथ शिक्षा मंत्री को पत्राचार किया। लेकिन जितना उसे गंभीरता से लेना चाहिए था उतना नहीं लिया गया। परीक्षा नियंत्रक का पद रिक्त होने को शिकायत करने के बार सरकार ने बरती लापरवाही से आज माहौल बिगड़ने का आरोप गलगली ने लगाते हुए राजभवन स्थित शिक्षा विभाग को भी जिम्मेदार माना हैं।

याचिकाकर्ता सचिन पवार ने सर्वस्वी शिक्षा मंत्री विनोद तावडे को जिम्मेदार मानते हुए उनके इस्तीफे की मांग की हैं। अभिषेक भट के अनुसार नई तारीख देकर मुंबई विद्यापीठ ने अपनी गलती को दोबारा माना हैं।

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